ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण।
माँ अन्नपूर्णा का जन्म।j
चिरंजीवी महर्षी परशुराम का जन्म हुआ था इसीलिए परशुराम जन्मोत्सव भी हैं।
कुबेर को खजाना मिला था।
माँ गंगा का धरती अवतरण हुआ था।
सूर्य भगवान ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया।
महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।
वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना गणेश जी के साथ शुरू किया था।
प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण धाम का कपाट खोले जाते है।
बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण चरण के दर्शन होते है।
जगन्नाथ भगवान के सभी रथों को बनाना प्रारम्भ किया जाता है।
आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी।
अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय (नाश) न हो!!!
अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है….!!!
भानु प्रकाश शर्मा (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)