देश में बन रहे नए श्रम कानूनों के तहत आने वाले दिनों में हफ्ते में 3 दिन छुट्टी का प्रावधान संभव है। सोमवार को बजट में श्रम मंत्रालय के लिए हुए ऐलान पर जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार हफ्ते में चार कामकाजी दिन और उसके साथ 3 दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है। उनके मुताबिक नए लेबर कोड मे नियमों में यह विकल्प भी रखा जाएगा। जिसे कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं।
नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है। काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है। ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा 5 से घट सकता है।
ईपीएफ पर टैक्स लगाने को लेकर बजट में हुए ऐलान पर और जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने कहा कि इसमें ढाई लाख रुपए से ज्यादा निवेश होने के लिए टैक्स सिर्फ कर्मचारी के योगदान पर लगेगा। कंपनी की तरफ से होने वाला अशंदान इसके दायरे में नहीं आएगा। या उस पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही छूट के लिए ईपीएफ और पीपीएफ भी नहीं जोड़ा जा सकता।
ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक 6 करोड में से सिर्फ 1 लाख 23 हजार अंशधारक पर ही इन नए नियमों का असर होगा।
वही न्यूनतम ईपीएफ पेंशन में बढ़ोतरी के सवाल पर श्रम सचिव ने कहा कि “इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा नहीं गया था। जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भेजे थे। उन्हें केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है।” श्रमिक संगठन लंबे समय से ईपीएफ की मासिक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम ₹2000 या इससे अधिक पेंशन मासिक रूप में दे रही है। जबकि ईपीएफओ के अनुसार अशंधारको को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)