मुंबई, अर्णव गोस्वामी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले मामले में 11 जनवरी को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें 200 पन्नों पर आधारित अर्णब गोस्वामी और पार्थो दासगुप्ता के बीच कथित व्हाट्सएप चैट को शामिल किया गया था।
अर्णव गोस्वामी रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ और मालिक हैं। जबकि पार्थो दासगुप्ता बार्क के पूर्व प्रमुख हैं। पार्थो और दो अन्य लोग टीआरपी घोटाले मामले में इस समय गिरफ्तार हैं।
बातचीत में गोस्वामी प्रधानमंत्री कार्यालय सहित राजनीतिक नेतृत्व के जरिए दास गुप्ता की मदद का आश्वासन करते हैं और एक जगह तो यहां तक कहते हैं,”सारे मंत्री हम लोगों के साथ हैं।”
पुलिस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट तीनों के खिलाफ दाखिल की है। जिनमें पार्थो भी शामिल है।इससे पहले पुलिस ने 25 नवंबर को चार्जशीट दाखिल की थी। दास गुप्ता के वकील अर्जुन सिंह ठाकुर ने 2 लोगों की निजी बातचीत को अपने हितों के लिए लीक किया गया है।
अर्णव के वकील ने इस मामले में बात करने से मना कर दिया है।इस बीच में पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर का भी जिक्र है।लेकिन उन्होंने भी इस मामले में कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है।प्रधानमंत्री कार्यालय से भी अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
अर्णब गोस्वामी इस नए मामले में फंसते हुए नजर आ रहे हैं।
कांग्रेसमें इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि अब यह साफ हो गया है कि टीआरपी घोटाले में बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार का भी हाथ है।
उनके अनुसार चैट लीक से साफ जाहिर होता है कि अनु गोस्वामी का प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कितना घनिष्ठ संबंध है? सावंत ने कहा कि गोस्वामी और पार्थो दास गुप्ता की बातचीत लीक होने के बाद बहुत से नए सवाल खड़े हुए हैं।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)