अलवर के बहरोड़ के एमएलए बलजीत यादव व एसडीएम संतोष कुमार मीणा के बीच का विवाद और आगे बढ़ गया है। एसडीएम संतोष कुमार मीणा ने अलवर कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को लिखित में शिकायत की है कि एमएलए ने उनके साथ बदसलूकी की हदें पार कर दी है। पहले मुझ पर शराब पीकर आने का आरोप लगाया, इसके बाद मुझे वहां से जाने नहीं दिया और बंधक बनाए रखा। यही नहीं आवेश में आकर मुझे वह मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दे रहे थे। इस मामले में कलेक्टर ने आगामी कार्रवाई के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी मांगा है।
एमएलए के बारे में की शिकायत-
एसडीएम ने कलेक्टर को लिखा कि एमएलए बलजीत यादव सोमवार को एसडीएम के ऑफिस पहुंचे थे। उस समय मैं खोरी गांव में राजकीय काम से गए थे। वापस आए तो विधायक बलजीत उनके कार्यालय में भीड़ लेकर खड़े थे। मीडिया को गलत बयान दे रहे थे। कोविड गाइलाइन की पालना तक नहीं हो रही थी।
मास्क उतरवाया और शराब पीने का आरोप लगाया-
एसडीएम ने कहा कि यह कहकर मेरा मास्क भी उतरवा दिया कि आप ने शराब पी रखी है क्या। अधिकारी ने इस तरह गलत बर्ताव किया। विधायक के इस व्यवहार से मुझे बहुत खेद हुआ है। फिर भी मैंने मर्यादा को भंग नहीं होने दिया। परंतु वे रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। आवेश में आकर मुझे व मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दे रहे थे। जब मैं वहां से जाने लगा तो मुझे जबरन वापस बैठा दिया। राजकार्य में बाधा पैदा की। इस तरह माननीय विधायक ने सारी हदें पार कर दी है।
विधायक ने करीब 3 घंटे तक किया था इंतजार-
सोमवार को एमएलए बलजीत यादव एसडीएम कार्यालय का औचक निरीक्षण करने गए थे। एमएलए 3 घंटे तक कार्यालय में बैठे रहे। उसके बाद एसडीएम आए। फिर उनकी आपसी बातचीत के दौरान एमएलए ने एसडीएम पर आरोप लगा दिया कि आप ने शराब पी रखी है। यह भी कहा था कि अभी आप कहीं नहीं जाएंगे। उसी समय मैंने अलवर कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया से भी बातचीत की थी।
रात को ही एसडीएम ने कहा मेरी मानहानि हुई है-
रात को ही एसडीएम ने खुद की जांच कराई। अल्कोहल की रिपोर्ट नॉर्मल मिली। इसके बाद एसडीएम ने बयान जारी किया कि उनकी मानहानि हुई है। बेबुनियाद आरोप लगा दिए गए हैं। हालांकि इस तरह के आरोप कोई भी लगा सकता है। ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो मन चाहे जो आरोप लगा देते हैं, फिर भी मैंने जनप्रतिनिधि को पूरा सम्मान दिया था।
एसडीएम ने यह भी कहा कि पिछले 20 महीने से बहरोड में अब जनता की सेवा की है। ट्रांसफर होना या नहीं होना अलग विषय है। हमें जहां भी लगाया जाएगा, हम वहां जनता की सेवा करेंगे। फिर भी बहरोड़ की जनता ने गरिमा का ख्याल रखा है। विधायक के बारे में कहा कि हर कोई ऐसा नहीं होता। मेरे कार्यलय में काफी लोग आते रहते हैं। कुछ दिन पहले यह चर्चा की थी, कि मेरे साथ इस तरह का दुर्व्यवहार हो सकता है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)