जयपुर – हाल ही में होने वाले चुनाव में एक आवेदक का आवेदन रिटर्निंग अधिकारी द्वारा खारिज करने पर उसके द्वारा माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयपुर महानगर द्वितीय में याचिका प्रस्तुत की| जिसमें आवेदक अवधेश द्वारा माननीय न्यायालय में यह तर्क दिया कि उसके द्वारा सहवन से अपने आवेदन में भूलवश गलत जानकारी भर दी गई| जिसके कारण उसका आवेदन खारिज फरमा दिया गया जबकि वास्तव में वह चुनाव लड़ने के सभी मानक पूरे करता है और एक सक्षम उम्मीदवार है |
अप्रार्थीगण की ओर से अधिवक्ता श्री मनीष कुमार गुप्ता द्वारा माननीय न्यायालय को यह तर्क दिए गए कि उक्त चुनाव याचिका पोषणीय ही नहीं है क्योंकि धारा 31 राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के तहत निर्वाचन याचिका निर्वाचन की तारीख से 1 माह के भीतर पेश करनी होती है और वर्तमान में अभी चुनाव हुए ही नहीं है | ऐसी स्थिति में उक्त याचिका अपोषणीय होने के कारण खारिज किए जाने योग्य है |
माननीय न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता और अप्रार्थीगण के अधिवक्ता श्री मनीष कुमार गुप्ता की तर्कों को सुनने के पश्चात प्रार्थी की याचिका पोषणीय नहीं होने के कारण अस्वीकार दिनांक 28 अक्टूबर 2020 को खारिज कर दी गई |
भानु प्रकाश शर्मा (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)