कपाल उदय सांस, ललाट मस्तिष्क शोधन,
विवरण
कपालभाती दो शब्दों से बना है – कपाल यानि मस्तिष्क/सिर और भाती यानि चमक, दीप्ति आभा तेज प्रकाश। यह प्राणायाम मुख्य रूप से मस्तिष्क और मस्तिष्क के तहत अंगों को अच्छी तरह से प्रभावित करता है।
कैसे करें
सुखासन सिद्धासन में बैठे |
कपालभाती में सांसो को शक्ति पूर्वक बार छोड़ने से स्वाभाविक रूप से पेट में संकुचन और प्रसारण की क्रिया होती है श्वास को भरने के लिए प्रयत्न पूरी एकाग्रता सिर्फ छोड़ने पर
इस तरह से लयबद्ध तरीके से करिये | एक सेकंड में एक बार श्वास को छोड़ना है
कपालभाति करते समय मन में विचार करना चाहिए मेरे समस्त रोग बाहर निकल रहे हैं नष्ट हो रहे हैं मेरे शरीर से काम क्रोध लालच मोह ईशा राग द्वेष निकल रहे हैं
लाभ
मस्तीखोर मुख मंडल पर तेज और आभा सौंदर्य बढ़ता है
यह आपको स्फूर्तिदायक बनाता है, शरीर में गर्मी पैदा करता है | बीमारी और एलर्जी से बचाता है।
हृदय फेफड़ों एवं मस्तिष्क के समस्त रोग दूर होते हैं
मोटापा मधुमेह गैस कब्ज एसिडिटी किडनी तथा प्रोस्टेट से संबंधित सभी रोग निश्चित रूप से दूर होते हैं
मन स्थिर शांत तथा प्रसन्न रहता है नकारात्मक विचार नष्ट हो जाते हैं जिससे डिप्रेशन जैसे रोग खत्म हो जाते हैं
सावधानी
आम व्यक्ति इसे 5 से 15 मिनट कर सकते हैं।
सावधानी
दिल और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित मरीजों को विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही यह अभ्यास करना चाहिए।
रक्त परिसंचरण/ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को बहुत सावधानी से प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। उन्हें भी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही यह अभ्यास करना चाहिए।
भानु प्रकाश शर्मा (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)