आपका मस्तिष्क आपकी सबसे कीमती संपत्ति है, यह हमेशा आपके साथ है लेकिन इसकी सबसे अद्भुत शक्तियां आपको तभी मिल पाएगी जब आप इसका उपयोग करना सीख लेंगे | आपके मस्तिष्क के दो स्तर हैं – पहला चेतन या तार्किक स्तर और दूसरा अवचेतन या अतार्किक स्तर | आप अपने चेतन मन से विचार करते हैं, आपके आदतन विचार आपके अवचेतन मन में उतर जाते हैं जो आपके विचारों की प्रकृति के अनुरूप परिस्थितियां बनाता है | आपका अवचेतन मन आपकी भावनाओं का स्थान है | यह रचनात्मक है| अगर आप अच्छा सोचते हैं तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे, अगर आप बुरा सोचते हैं तो आपको बुरे परिणाम मिलेंगे | आपका मस्तिष्क इसी तरह काम करता है |
याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब अवचेतन मन किसी विचार को स्वीकार कर लेता है तो वह इस पर काम करने लगता है | आश्चर्यजनक और सूक्ष्म सत्य यह है कि अवचेतन मन का नियम अच्छे तथा बुरे दोनों तरह के विचारों पर समान रूप से काम करता है, अगर इस नियम का नकारात्मक प्रयोग किया जाए तो यह असफलता कुंठा और दुख उत्पन्न करता है| दूसरी तरफ अगर आपकी आदत एवं सोच सदभावनापूर्वक और सृजनात्मक है तो आपको आदर्श सेहत सफलता और समृद्धि मिलती है |
जब आप सही तरीके से सोचने और महसूस करने लगते हैं तो आपको मानसिक शांति और स्वस्थ शरीर हमेशा मिलते हैं | आप मानसिक रूप से जिसे भी सच मानेंगे और जिस का दावा करेंगे आपका अवचेतन मन उसे स्वीकार कर लेगा और उसे साकार कर देगा| आपको तो बस अपने अवचेतन मन से अपने विचार को स्वीकार भर करवाना है, इसके बाद अवचेतन मन का नियम आपकी मनचाही सेहत, शांति और समृद्धि उत्पन्न कर देगा | आप आदेश देते हैं और आपका अवचेतन मन उस पर छोड़ी गई वैचारिक छाप को साकार करने के लिए पूरी निष्ठा से काम करता है | आपके मस्तिष्क का नियम यह है आपके अवचेतन मन की प्रतिक्रिया आपके चेतन मन में रखे गए विचार की प्रकृति से तय होती है |
मनोवैज्ञानिक और मनोविश्लेषण बताते हैं कि जब विचार आपके अवचेतन मन तक पहुंच जाते हैं तो मस्तिष्क की कोशिकाओं में उनकी छाप बन जाती है | जैसे ही आपका अवचेतन किसी विचार को स्वीकार कर लेता है, यह उसे साकार करने में तत्काल जुट जाता है | विचारों के साहचर्य के अनुसार काम करके यह अपने लक्ष्य को साकार करने के लिए ज्ञान के हर उस हिस्से का इस्तेमाल करता है जो आपने जिंदगी भर इकट्ठा किया है | यह आपके भीतर की असीमित शक्ति, ऊर्जा और बुद्धि का इस्तेमाल करता है | परिणाम पाने के लिए यह प्रकृति के सभी नियमों का इस्तेमाल करता है | कई बार यह आपकी मुश्किलों का समाधान तत्काल खोज लेता है जबकि कई बार कई दिनों, सप्ताहों या इससे भी ज्यादा समय लग सकता है | इसके तरीके अबूझ है | वास्तव में हमें हमारे मस्तिष्क की कार्य प्रणालियों को समझ कर उसे हमारी सफलता के लिए उपयोग लेना आवश्यक है | हमारे स्वयं के भीतर एक अद्भुत शक्ति छिपी है जिसका हमें ज्ञान नहीं है | इस कारण हम स्वयं को बड़ा कमजोर मानते हैं | वास्तव में बड़े-बड़े सफल व्यक्तियों द्वारा अपने मस्तिष्क की शक्तियों को समझ कर उसका उपयोग किया जिससे उन्हें सफलता की बुलंदियां मिली |
भानु प्रकाश शर्मा (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)