जयपुर – अपनी पत्नी से मारपीट करने और दूसरा विवाह करने के आरोपी दीपक तिवारी की अग्रिम जमानत न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई | उक्त आरोपी पर अपनी पत्नी से मारपीट करने और दूसरा विवाह करने के संबंध में कई गंभीर आरोप थे | अभियुक्त की ओर से अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में तर्क प्रस्तुत किए गए की उसके द्वारा अपनी पत्नी से मारपीट नहीं की गई थी और ना ही उसने दूसरा विवाह किया है | उस पर जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से निराधार है |
वहीं दूसरी ओर अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए परिवादीया के अधिवक्ता श्री भानु प्रकाश शर्मा द्वारा न्यायालय को बताया गया कि उसके पति द्वारा उसे कई बार प्रताड़ित किया गया है | साथ ही उसके पति ने उसे धोखा देते हुए दूसरा विवाह कर लिया है| उक्त विवाह से उनके एक संतान भी पैदा हुई है जिसका जन्म जन्म प्रमाण पत्र भी पुलिस द्वारा जप्त कर लिया है| साथ ही उसके द्वारा अभी तक स्त्रीधन नहीं दिया गया है और ना ही अनुसंधान में सहयोग कर रहा है|
माननीय न्यायालय अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीड़न मामला द्वारा उभय पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज करने का निर्णय लिया गया
माननीय न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में वर्णित किया कि पुलिस अनुसंधान में यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि आरोपी दीपक तिवारी अपनी पत्नी के साथ क्रूरता करता था और उसके द्वारा दूसरा विवाह किया जाना भी पुलिस अनुसंधान में प्रमाणित है क्योंकि उक्त दूसरे विवाह से उत्पन्न संतान के संदर्भ में अस्पताल के रिकॉर्ड और जन्म प्रमाण पत्र में आरोपी का नाम उक्त महिला के पति के रूप में लिखा है | ऐसे में आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाना विधि सम्मत प्रतीत नहीं होता और माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी दीपक तिवारी का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया ।