Home Bollywood आर्थिक तंगी से जूझ रहे नेशनल अवार्ड विनर जाने-माने म्यूजिक कंपोजर वनराज भाटिया का हुआ निधन-

आर्थिक तंगी से जूझ रहे नेशनल अवार्ड विनर जाने-माने म्यूजिक कंपोजर वनराज भाटिया का हुआ निधन-

by marmikdhara
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नेशनल अवार्ड विनर और जाने-माने म्यूजिक कंपोजर वनराज भाटिया का 93 साल की उम्र में निधन हो गया। शुक्रवार को उन्होंने अपने घर पर अंतिम सांस ली। पिछले कुछ सालों से वे मेडिकल प्रॉब्लम से जूझ रहे थे। मुंबई के एक अपार्टमेंट में केयरटेकर के भरोसे रह रहे थे। और अंतिम वक्त में आर्थिक तंगी से परेशान थे। उनके घुटनों में दर्द रहता था। जिसके चलते बिस्तर से उठकर चलना फिरना मुश्किल हो गया था। सुनाई देना भी लगभग बंद हो गया था और याददाश्त कमजोर हो चुकी थी।
भाटिया ने श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अनंत नाग’ और शबाना आजमी स्टारर ‘अंकुर’ और कुंदन शाह की रवि वासवानी, ओमपुरी, नसरुद्दीन शाह स्टारर ‘जाने भी दो यारो’ जैसी फिल्मों में संगीत दिया था। उन्हें 1988 में आई फिल्म “तमस” के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। 1989 में क्रिएटिव और एक्सपेरिमेंटल संगीत बनाने के लिए उन्हें नागीत नाटक अकादमी से सम्मानित किया गया था। और 2012 में भाटिया तो देश का चौथा सबसे बड़ा सम्मान पदम श्री दिया गया था‌।
बता दें कि 2 साल पहले वनराज भाटिया इस हालत में पहुंच गए थे कि उन्हें गुजारे के लिए घर के बर्तन तक बेचने पड़े। इस बात की जानकारी उनके केयर टेकर सुजीत ने बातचीत के दौरान दी। उस वक्त इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी ने वनराज को आर्थिक सहायता भी पहुंचाई थी। पिछले साल अक्टूबर में सुजीत पर लाखों रुपए के गबन का आरोप लगा और भाटिया ने उसे नौकरी से निकाल दिया था।
सुजीत के बाद वनराज की देखभाल का जिम्मा नए केयर टेकर गजानंद धनावडे को सौंप दिया गया। इसी साल फरवरी में धनावडे ने इस बातचीत में बताया था कि भाटिया फिर से आर्थिक तंगी में आ गए थे। उसने बताया कि उनके पास इंश्योरेंस की सालाना किस्त भरने के लिए ₹
50 रूपए तक नहीं थे। धनवाड़े के मुताबिक उनकी दवाओं और जरूरत का सामान का खर्च भी जान पहचान वालों द्वारा मदद के तौर पर दिए जा रहे पैसों से चल रहा था।
वनराज भाटिया ने बातचीत में बताया था कि उन्होंने अपना पैसा शेयर बाजार में लगाया था। जो कि साल 2000 के करीब मार्केट में डूब गया। इसी के चलते उनके पास कोई बचत नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक वनराज ने शादी नहीं की थी। उनकी बहन जो कनाडा में रहती है। मुंबई में भी उनके कुछ रिश्तेदार हैं जो छोटी मोटी आर्थिक मदद कर देते थे।
बता दें कि 1927 में मुंबई में जन्मे भाटिया लंदन की रॉयल एकेडमी ऑफ़ म्यूज़िक के गोल्ड मेडलिस्ट थे। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के वेस्टर्न म्यूजिक डिपार्टमेंट में इनचार्ज भी रह चुके थे। उन्होंने करीब 7000 विज्ञापनों में जिंगल्स और कई फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में संगीत दिया था।

अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)

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