जोधपुर, 2013 से जोधपुर जेल में सजा भुगत रहे आसाराम की तबीयत बुधवार को फिर खराब हो गई। कल रात से बेचैनी महसूस कर रहे आसाराम को आज जेल से जोधपुर एम्स में लाकर भर्ती कराया गया। आसाराम ने एम्स में इलाज कराने के लिए मना कर दिया। काफी समझाइश इसके बाद आसाराम जोधपुर एम्स में इलाज कराने को तैयार हुआ। जोधपुर एम्स के डॉक्टर आसाराम का परीक्षण करने के साथ ही इलाज शुरू कर रहे हैं। डॉक्टर ने बताया जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि उसको क्या तकलीफ है? आसाराम एम्स में इसलिए नहीं जाना चाहता था क्योंकि वह आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराना चाहता है। इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका भी लगा रखी है। जिसकी सुनवाई 18 जून तक टल गई।
आसाराम को सांस की तकलीफ होने पर कराया भर्ती।
जोधपुर जेल में कल रात आसाराम ने सांस लेने में तकलीफ जेल प्रशासन को बताइए। आज सुबह तक तकलीफ काफी बढ़ गई थी। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला किया। लेकिन आसाराम ने जोधपुर एम्स जाने से इंकार कर दिया। बाद में अधिकारियों के समझाने पर वह एम्स में अपना इलाज कराने को तैयार हो गया। एम्स में पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन बताएं। इसके बाद डॉक्टरों ने कुछ जांचें की हैं । शाम तक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि उसे क्या तकलीफ है। इसके आधार पर डॉक्टर लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय कर पाएंगे।
पिछले महीने आसाराम कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
पिछले मई माह के पहले सप्ताह में आसाराम कोरोना संक्रमित पाया गया था। इसके बाद उसे पहले महात्मा गांधी फिर बाद में एम्स में भर्ती करवा कर इलाज कराया गया था। इस दौरान उसने हाईकोर्ट में अपनी बीमारी का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से कराने के लिए जमानत याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स के मेडिकल बोर्ड ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट पेश की। इसके आधार पर उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट के इस आदेश को आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उसे जमानत देने का यह कहते हुए विरोध किया कि जोधपुर में एम्स के अलावा आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान हैं। ऐसे में स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है और उसे जमानत नहीं दी जाए। आसाराम की तरफ से कल वकील सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हो पाए। उन्हें डर था कहीं सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी आजकल खारिज ना हो जाए। ऐसे में सुनवाई 18 जून तक टल गई है।
आसाराम को यौन शोषण में मरते दम तक की जेल की सजा हुई है।
उल्लेखनीय है कि आसाराम पर वर्ष 2013 में उसके गुरुकुल की एक नाबालिग छात्रा ने जोधपुर में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इसके बाद से वह जोधपुर जेल में बंद है। अप्रैल 2018 में ट्रायल कोर्ट ने उसे मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी। वर्ष 2013 में पकड़े जाने के बाद से आसाराम 15 बार जमानत हासिल करने का प्रयास कर चुका है। उसने देश के जाने-माने वकीलों के द्वारा पूरा प्रयास किया कि उसे जमानत मिल जाए। लेकिन हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट तक से उसे किसी कोर्ट से जमानत नहीं मिली है। वह कई गवाहों को भी मार चुका है। एवं उन पर जानलेवा हमले करवा चुके हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)