जोधपुर, विगत कई वर्षों से एक छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में जेल में सजा काट रहे आसाराम ने आयुर्वेदिक इलाज को लेकर उसने तथा उसके बेटे नारायण साईं ने अपनी याचिका सोमवार को वापस ले ली। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान आसाराम के अधिवक्ता प्रदीप चौधरी तथा नारायण साईं के अधिवक्ता ने याचिका वापस ली। इसके साथ ही इन दोनों याचिकाओं का निस्तारण हो गया।
आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है ।
आसाराम की याचिका हाईकोर्ट में स्वीकार नहीं की गई थी। इस याचिका में यह मांग की गई थी कि आसाराम का इलाज केरल के किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ के पास या जोधपुर के करबड़ा आयुर्वेद अस्पताल में किया जाए। इसके बाद आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में इस मांग को लेकर याचिका दायर की थी, जिस पर आदेश आना बाकी है। ऐसे में हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। जिसके चलते आसाराम और उसके बेटे ने अपनी याचिका वापस ली।
आसाराम एलोपैथी पद्धति से इलाज नहीं करवाना चाहता है।
पिछले कुछ दिनों से आसाराम की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां से उसे AIIMS शिफ्ट कर दिया गया था। उसके पेट में अल्सर की समस्या का संदेह होने पर डॉक्टर ने एंडोस्कोपी जांच करवाई थी। आसाराम को दो बार खून भी चढ़ाया गया था, लेकिन आसाराम लगातार एलोपैथिक पद्धति से इलाज कराने में आनाकानी कर रहा है। इसके लिए हाई कोर्ट में याचिका पेश कर गुहार की थी कि उसका इलाज आयुर्वेद तरीके से किया जाए, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था।
यह थी याचिका
आसाराम की जब तबीयत खराब हुई तो उसकी ओर से कोर्ट में एक याचिका पेश की गई थी। इसमें आसाराम ने आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराने की मांग की थी। कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था। आज आसाराम की ओर से लगाई गई अंतरिम जमानत की याचिका को वापस ले लिया गया। आसाराम के बेटे नारायण स्वामी ने शुक्रवार को एक याचिका पेश कर आसाराम का इलाज आयुर्वेद पद्धति से करवाने की मांग की थी। उसे भी वापस ले लिया गया।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)