चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल की दूसरी छमाही में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस ,भारत ,चीन, दक्षिण अफ्रीका) कि नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद के बीच होगी। चीन ने सोमवार को इस वर्ष की बैठक की मेजबानी करने के लिए भारत के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और कहा कि बैठक सीमा संकट से प्रभावित नहीं होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांन वेनबिन ने कहा,”हम इस साल की बैठक की मेजबानी में भारत का समर्थन करते हैं। हम भारत और अन्य सदस्यों के साथ संचार और संवाद को मजबूत करने और तीन स्तंभ सहयोग को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।”उम्मीद की जाती है कि वर्ष की दूसरी छमाही तक शिखर सम्मेलन वीडियो कांफ्रेंस से आयोजित नहीं किया जाएगा। जबकि कोविड-19 की स्थिति पर यह निर्धारित होगा कि क्या मामला है। यूरोप और यूनाइटेड किंगडम में अन्य प्रमुख शिखर सम्मेलन ब्रिक्स बैठक से पहले इस गर्मी में होने की संभावना है।
मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महामारी के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा कर सकते हैं। जो बांग्लादेश की होगी। मई में पुर्तगाल में भारत यूरोपीय संघ की बैठक और अगले महीने यूके में जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। बीजिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बाघ ने भारत से चीन के समर्थन को व्यक्त करते हुए कहा कि सीमा संकट शिखर सम्मेलन को प्रभावित करेगा या नहीं। इस सवाल के जवाब में बैठक की मेजबानी करेगा
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)