उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में रविवार को ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ गया था। रफ्तार से आए पानी और पत्थरों ने ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और NTPC के प्रोजेक्ट को तबाह कर दिया था। एनटीपीसी टनल में फंसे 35 लोगों को निकालने का काम तीसरे दिन भी जारी है। करीब 2.5 किलोमीटर लंबी इस टनल में पानी की वजह से मलबा दलदल में बदल गया है। इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। ITBP अधिकारी अपर्णा कुमार ने बताया कि रात भर टनल से मलबा हटाया गया है। लेकिन टनल में फंसे किसी भी मजदूर से संपर्क नहीं हो पाया है।
पिछले 3 दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में पहली बार ऋषिगंगा प्रोजेक्ट साइट से दो शव बरामद हुए हैं। और 29 शव अभी तक मिल चुके हैं। सरकार के मुताबिक हादसे के बाद करीब 206 लोग लापता हो गए थे। इनमें से 177 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
इसी दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि रविवार को समुद्र तल से करीब 5600 मीटर की ऊंचाई पर 14 किलोमीटर वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का ग्लेशियर गिरा था। इससे धौलीगंगा और ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति बन गई। शाह के बयान के बाद राज्यसभा में उत्तराखंडहादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई।
उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन शरहद को जोड़ने वाला पक्का पुल भी टूट गया था। यह पुल बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी BRO ने बनाया था। सेना की इंजीनियरिंग कोर और BRO मिलकर यहां पर जल्द ही एक लोहे का वेली पुल बनाएंगे ताकि सेना की गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो सके।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)