शवों को शमशान तक पहुंचाना पुण्य का काम होता है। लेकिन कोरोना से जान गवाने वाले लोगों के परिवारों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक और जहां परिवार का सदस्य इस दुनिया को अलविदा कह गया, वहीं दूसरी ओर इन्हें हर कोई लूटने में लगा है। अस्पताल से शव ले जाने के लिए एंबुलेंस संचालक उनसे मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। प्रशासन ने एंबुलेंस का किराया तय कर रखा है। लेकिन इसके बाद भी एंबुलेंस वालों की मनमानी जारी है। बहाना बनता है कि सैनिटाइजेशन चार्ज के नाम पर 1000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं।
एंबुलेंस ड्राइवर की मनमानी और अवैध वसूली की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद इससे कोई सुनने वाला नहीं है।
बता दें कि परिवहन विभाग ने पूरे प्रदेश में एंबुलेंस व शव वाहनों का किराए को एक समान किया हुआ है। इसके अनुसार पहले 10 किलोमीटर तक का किराया 500 रूपए तय किया गया है। इसमें वाहन का आना जाना शामिल है। इसमें 10 किलोमीटर के बाद मारुति वैन, मार्शल, मैक्स आदि वाहनों का किराया प्रति किमी 12.50 रूपए व टवेरा, इनोवा, बोलेरो, क्रूजर्र, राइनो आदि वाहनों का किराया 14.50 रूपए प्रति किलोमीटर एवं अन्य बड़े एंबुलेंस शव वाहनों का किराया 17.50 रूपए प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है। वाहन में एसी की सुविधा होने पर एक रुपए प्रति किलोमीटर अतिरिक्त शुल्क रखा गया है। वाहन को रात्रि का अतिरिक्त किराया देय नहीं होगा। वाहन चालक वाहन की धुलाई के लिए भी अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकेंगे।
इसके बावजूद एंबुलेंस कर्मी मृतक के परिजनों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। कई शिकायतों के बाद भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। और इसकी मार मृतक के परिजनों को झेलनी पड़ रही है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)