Home News कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के रिट्वीट से कांग्रेस में मची हलचल-

कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के रिट्वीट से कांग्रेस में मची हलचल-

by marmikdhara
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पंजाब की तरह राजस्थान में चल रही कांग्रेस की आपसी खींचतान में प्रदेश प्रभारी अजय माकन के एक भी रीट्वीट ने हलचल मचा दी है। अजय माकन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अमरिंदर को निशाना बनाने वाले ट्वीट को रिट्वीट और लाइक करके बड़े सियासी संकेत दिए हैं। माकन ने रीट्वीट में लिखा है कि किसी भी राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीता है। गांधी नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है। चाहे वह अमरिंदर सिंह हो या अशोक गहलोत‌ या शीला या कोई और, मुख्यमंत्री बनते ही वह समझ लेते हैं कि उनकी वजह से ही पार्टी जीती है।
जिस ट्वीट को लाइक और रीट्वीट किया है उसके दूसरे थ्रेड में लिखा है कि 20 साल से ज्यादा अध्यक्ष रही सोनिया ने कभी अपना महत्व नहीं जताया। नतीजा यह हुआ कि वह वोट लाती थी और कांग्रेसी अपना चमत्कार समझकर गैर जवाबदेही से काम करते थे। हार जाते थे तो दोष राहुल पर और जीत का सेहरा खुद के माथे। सिद्धू को प्रेसिडेंट बनाकर नेतृत्व ने सही किया, ताकत बताना जरूरी था।

अजय माकन ने रीट्वीट करके गहलोत के काम करने की स्टाइल पर उठा दिया सवाल-

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन के गहलोत पर निशाना साधने से यह साफ हो गया है कि राजस्थान कांग्रेस में जो कुछ चल रहा है, उसने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रवैए से वे असहमत हैं। अजय माकन ने गहलोत की स्टाइल से साफ तौर पर असहमति जता दी है। और भविष्य में संकेत भी दिए हैं कि हाईकमान इस स्टाइल को पसंद नहीं कर रहा है।

माकन के रीट्वीट से यह भी साफ दिख रहा है कि प्रदेश प्रभारी और गहलोत के संबंध सहज नहीं-

प्रदेश प्रभारी होते हुए भी अजय माकन ने जिस तरह अशोक गहलोत को निशाने पर लिया है, उससे यह साफ हो गया है कि उनके संबंध भी गहलोत से उतने सहज नहीं है। इसके पीछे माकन के प्रभारी बनने के बाद का घटनाक्रम भी जिम्मेदार है। बीच में कांग्रेस के हलकों में यह भी चर्चा थी कि गहलोत प्रभारी को महत्व नहीं दे रहे। अब माकन के रीट्वीट को गर्म लोहे पर चोट की तरह माना जा रहा है।
अजय माकन ने ऐसे समय पर गहलोत और अमरिंदर पर निशाना साधा है। जब पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को वहां के मुख्यमंत्री की नाराजगी के बावजूद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है। इस बीच राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट टीमों के बीच लगातार खींचतान जारी है‌। खींचतान मिटाने और सचिन पायलट की साल भर पुरानी मांगों को पूरा करवाने को लेकर अजय माकन दो बार अशोक गहलोत से लंबी मंत्रणा कर चुके हैं, लेकिन अभी कोई समाधान नहीं निकला।

कांग्रेस में प्रदेश प्रभारी होता है हाईकमान का प्रतिनिधि, क्या माकन के जरिए गांधी परिवार ने गहलोत को दिलवाया है मैसेज-

कांग्रेस में प्रदेश प्रभारी हाईकमान का प्रतिनिधि होता है‌। हाईकमान को किसी भी राज्य में कुछ भी मैसेज देना होता है तो उसका जरिया प्रभारी ही होता है। प्रभारी का बयान कांग्रेस हाईकमान का बयान माना जाता है। अजय माकन के रीट्वीट के बाद सियासी जानकारों का मानना है कि यह उनका व्यक्तिगत विचार नहीं हो सकता। बताया जाता है कि प्रभारी के नाते माकन ने रीट्वीट के जरिए अशोक गहलोत और उनके कैंप को साफ मैसेज दिया है कि आगे पावर शेयरिंग पर उन्हें हाईकमान का आदेश मानना होगा। बिना कांग्रेस हाईकमान की जानकारी प्रभारी इस तरह उन पर हमला नहीं कर सकते। गहलोत कैंप के निर्दलीय विधायकों और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के शक्ति प्रदर्शन और प्रेशर पॉलिटिक्स के बाद माकन का यह स्टैंड कांग्रेस की राजनीति में आने वाले दिनों में बड़े फैसलों की तरफ इशारा कर रहा है।

अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)

हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)  www.Marmikdhara.in.(Hindi)
www.Marmikdhara.com(English)

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