कोरोना महामारी के चलते चल रहे लॉकडाउन में शराब की दुकानों पर सुबह 6 से 10 तक शराब बेची जा सकती है। लेकिन इसके बावजूद शराबियों को सुविधा उपलब्ध कराने वालों की कोई कमी नहीं है। बीकानेर के लगभग सभी तहसील मुख्यालयों पर तय समय के बाद किराने की दुकानों पर इन दिनों शराब की बिक्री जोर-शोर से हो रही है।
एक तरफ आम आदमी का पेट भरने का सामान बेचा जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ चोरी-छिपे शराब की बोतलों भी दी जा रही है। खास बात यह है कि आबकारी विभाग के आला अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराने के बाद भी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
ताजा मामला में बीकानेर के लूणकरणसर का है। जहां एक किराने की दुकान पर शराब धड़ल्ले से बिक रही थी। पुलिस ने यहां से भारी मात्रा में शराब बरामद की है। एसडीएम भागीरथ शाख में प्राइवेट बस स्टैंड के पास दुकानों का निरीक्षण किया। इस दौरान एक दुकान में काम करने वाला मजदूर भाग खड़ा हुआ। उसे पकड़कर पूछताछ की गई तो सामने आया कि शराब बेची जा रही थी। किराने की दुकान में शराब की सूचना इस दल के लिए भी चौंकाने वाली थी। मौके पर लूणकरणसर थाना अधिकारी सुमन प्रजापत को भी बुला लिया गया। तलाशी लेने पर भारी मात्रा में शराब मिली। यहां से 2 पेटी देसी शराब के कार्टून और डीप फ्रीज में रखी बड़ी मात्रा में बीयर बरामद की गई। लूणकरणसर पुलिस ने शराब व बीयर अपने कब्जे में ले ली है। और मौके से 5 पेटी बियर की भी जब्त की गई है।
लूणकरणसर में आबकारी पुलिस तैनात है। इसके बावजूद सरकारी गाइडलाइन का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है। लंबे समय से अनाज मंडी के पास निजी बस स्टैंड पर दुकान में अवैध रूप से शराब कारोबार चल रहा था। लेकिन आबकारी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस कार्रवाई में भी एसडीएम ने आबकारी पुलिस के बजाय लूणकरणसर पुलिस से कार्रवाई करवाई।
वहीं दूसरी ओर लदाना, गोहंदी, पाड़िया, मोहब्बतपुरा, मंडोर आदि गांव में अवैध रूप से शराब बेचने की शिकायतें भी प्रशासन के पास पहुंच रही है। इनके अलावा भी कई गांव में अवैध और घटिया शराब बेचने के मामले की पहले हुई जांच में आबकारी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। अब आबकारी पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)