किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की जमानत याचिका पर आज कोर्ट फैसला सुनाएगा। दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई पर पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि भारत को बदनाम करने की ग्लोबल साजिश में दिशा भी शामिल है। उसने किसान आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। दिशा ने न सिर्फ टूलकिट बनाई और शेयर की, बल्कि वह खालिस्तान की वकालत करने वाले के संपर्क में भी थी। खालिस्तानी संगठनों ने दिशा का इस्तेमाल किया। हालांकि दिशा के वकील ने इन आरोपों को निराधार बताया था।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली पुलिस से पूछा था कि आपके पास क्या सबूत है कि टूलकिट और 26 जनवरी को हुई हिंसा में कोई कनेक्शन है। इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी जांच चल रही है। हमें इसकी तलाश करनी है।
बता दे कि दिशा रवि की पुलिस रिमांड सोमवार को ही खत्म हो गई थी। जिससे बाद चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 1 दिन की रिमांड और बढ़ा दी थी। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से 5 दिन की रिमांड मांगी थी, आज वह रिमांड भी खत्म हो जाएगी। इसलिए आज मंगलवार को पुलिस ने इस मामले में सह आरोपी निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के सामने दिशा रवि को बैठाकर पूछताछ की। पुलिस का कहना है कि दिशा ने मामले में सारे आरोप शांतनु और निकिता पर डाल दिए थे। इसलिए आमने-सामने बैठाकर पूछताछ जरूरी थी।
बता दे कि दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी को दिशा को अरेस्ट किया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन शुरू करने वालों में शामिल दिशा ने टूलकिट का गूगल डाॅक बनाकर उसे सर्कुलेट किया। इसके लिए उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। वह इस टूलकिट की ड्राफ्टिंग में भी शामिल थी और उन्होंने ही ग्रेटा थनबर्ग से टूलकिट शेयर की थी।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)