कोरोना संक्रमण की चपेट में बाड़मेर जिले के लगभग 2000 गांव आ चुके हैं। जिससे जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। जिला अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे है। एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कई मरीज तो बेड के अभाव में जमीन पर ही इलाज करवा रहे हैं।
बाड़मेर के गांवों में कोरोना संक्रमण जानलेवा होता जा रहा है। कोरोना संक्रमण इस बार गांव में भी तेजी से फैल रहा है। हालात यह है कि गांव में हर दूसरी ढाणी में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। शुरुआती लक्षणों में ग्रामीण डॉक्टर से इलाज नहीं करवाते हैं। जिससे वह गंभीर बीमार हो जाते हैं, फिर जिला अस्पताल की तरफ आते हैं। उस समय मरीज की हालत बहुत ही गंभीर होती है। जिससे कई बार मरीज की मौत तक हो जाती है।
चौहटन निवासी रवि जैन ने बताया कि इस बार गांव में संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। गांव में स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध नहीं है। और यहां पर डॉक्टर सामान्य मरीजों को दूर होकर चेक करते हैं। शासन और प्रशासन अपने प्रयास कर रहा है। लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं है। वह कोरोना को भ्रम समझ रहे हैं।
चौहटन निवासी ललित सोनी बताते हैं कि गांव में कोरोना के साथ मौतें भी ज्यादा हो रही है। सरकार को चाहिए कि ग्रामीण इलाकों में कोई केयर सेंटर खोले जिससे समय पर उनका इलाज हो सके। साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए भी कुछ प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएल विश्नोई के मुताबिक यह बात बिल्कुल सही है कि जिले के 70% गांवों में कोरोना फैल चुका है। गांव में कंटेनमेंट जोन भी रखे हैं। गांव में निगरानी समिति के द्वारा डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है। और लोगों को चिन्हित कर सैंपल भी लिए जा रहे हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)