कोरोना की दूसरी लहर लगातार घातक साबित होती जा रही है। एक तरफ संक्रमण बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। इससे कोरोना व बगैर कोरोना के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन की वजह से परिवारजन उन अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं। इस महामारी में लोग अपनों से दूर हो रहे हैं और मरने के बाद भी शमशान नहीं आ पा रहे। सार्वजनिक श्मशान समिति मरने वालों की अस्थियों को लॉकर में रख रही है। लेकिन वह भी अब फुल हो चुके हैं। नए लकड़ी के बक्से भी बनवाए हैं जो फुल हो चुके हैं। अब समिति भामाशाह से सहयोग की अपील कर रही है।
सार्वजनिक श्मशान समिति के पास 6 अलमारी में 112 लाॅकर है जो फूल हो गए हैं। समिति ने लाॅकर फुल होने की स्थिति में लकड़ी के बक्से भी तैयार करवाए थे। वह भी बुधवार को फूल हो गए। अब समिति भामाशाहों से सहयोग की अपील कर रही है। समिति के पास कोरोना और बगैर कोरोना की 162 अस्थियां कलश है।
बता देगी सार्वजनिक श्मशान समिति ने कोरोना काल में लोग अस्थियां घर नहीं लेकर जा रहे हैं। तब हमने 6 अलमारियों में 112 लाॅकर बनवाए थे। उन अस्थियों के ऊपर उनका नाम लिख दिया जाता है। इससे अस्थि अदला-बदली ना हो जाए। अब लॉकर फुल होने के बाद 50 अस्थियों को बक्से में रखा गया है। मजबूरी में अस्थियों को अब बाल्टी, पीपा, बक्से में रख रहे हैं। अस्थियों के आगे सुबह शाम अगरबत्ती भी करते हैं, और कीर्तन भी करते हैं।
सार्वजनिक श्मशान समिति के संयोजक भैरू सिंह फुलवरिया ने बताया कि हमारे पास जो 6 अलमारी में 112 लोगों की अस्थियां रखी है। वह भी अब फूल हो गए हैं। समिति भामाशाहों से अपील कर रही है कि अस्थियां रखने में सहयोग करें।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)