श्रीगंगानगर जिले के घड़साना एसडीएम ने गांव में कोरोना फैलाने पर शिक्षक को जिम्मेदार ठहराते हुए नोटिस दे दिया। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षक को नोटिस देने पर नाराजगी जाहिर करते हुए श्रीगंगानगर कलेक्टर से इस बेतुके नोटिस को तत्काल रद्द करने को कहा। शिक्षा मंत्री के दखल और नाराजगी के बाद नोटिस को निरस्त कर दिया गया। लेकिन गांव में कोरोना के लिए शिक्षक को ही जिम्मेदार ठहराया गया और साथ ही गांव की कोर कमेटी पर कार्रवाई करने को भी कहा गया।
प्रदेश में अपनी तरह का यह अनूठा पहला मामला है, जब किसी क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मिलने पर नोटिस दिया गया। नोटिस भी मेडिकल महकमे के किसी कर्मचारी की जगह शिक्षक को दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक श्रीगंगानगर जिले के घड़साना उपखंड के गांव 3 केडी में 29 अप्रैल को एक साथ 27 को रोना पॉजिटिव मरीज पाए गए थे। घड़साना एसडीएम ने तत्काल उस गांव के आदर्श स्कूल के प्रधानाध्यापक जिन्हें शिक्षा की क्वालिटी में सुधार करने के लिए सरकार ने पंचायत एलीमेंट्री ऑफिसर का पद नाम दिया है नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांग लिया।
घड़साना एसडीएम ने शिक्षक को जारी नोटिस में लिखा “आपकी ग्राम पंचायत में एक साथ 27 कोरोना पॉजिटिव आना आपका राजकीय कार्य के प्रति लापरवाही होना दर्शाता है। क्योंकि आपकी ग्राम स्तरीय कोर कमेटी ने कोरोनावायरस संक्रमण रोकथाम के विशेष प्रयास नहीं किए।”
सरकार ने आदर्श स्कूल के प्रधानाध्यापकों को पंचायत एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर का नाम दिया है। यह तंत्र शिक्षक का मनोबल बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए किया गया है। उसी पीईईओ को अब कोरोना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। लेकिन घड़साना के एसडीएम जिन पर माहामारी एक्ट में इंसीडेंट कमांडेड की जिम्मेदारी है, उन्होंने गांव में पॉजिटिव मरीज आने पर शिक्षक को जिम्मेदार ठहराया। जबकि पटवारी, ग्रामसेवक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम की जिम्मेदारी ज्यादा है। घड़साना एसडीएम ने शिक्षक को जारी नोटिस को निरस्त कर दिया है। लेकिन आज नया आदेश थमाया है, वह भी नोटिस जैसा ही है। गांव में कोरोनावायरस के लिए अब भी शिक्षक को ही जिम्मेदार ठहराया है। कल जारी नोटिस को निरस्त करने के आदेश में एसडीएम ने अब शिक्षकों कोरोना रोकथाम पर बनी गांव की कोर कमेटी को भी कोरोना रोकथाम नहीं करने का जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई करने के लिए लिखा है। एसडीएम ने शिक्षकों कोर कमेटी का प्रमुख होने के नाते कमेटी के सदस्यों के खिलाफ 3 दिन में कार्रवाई कर सूचित करने को कहा।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)