कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 71 वाॅ दिन हैं। इसी बीच आज फिर गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल बढ़ गई। शिरोमणि अकाली दल की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिरत कौर बादल समेत 10 विपक्षी दलों के 15 नेता आज किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। जिन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा रोक दिया गया। किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं। इसी सिलसिले में हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में बुधवार को किसानों की महापंचायत हुई। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा “अब किसी कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत करने के लिए सामने आना होगा।”
टिकैत ने कहा “अभी तो किसान कानून वापसी की मांग कर रहे हैं। जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे, तब सरकार क्या करेगी। जब कोई राजा डरता है, तो किलेबंदी का सहारा लेता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है। बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है। ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती। लेकिन किसान इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे।
बता दें कि सरकार द्वारा बातचीत के लिए किसानों की कमेटी के सदस्यों की संख्या कम करने से भी टिकैत ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कभी भी बीच लड़ाई में घोड़े नहीं बदले जाते। जो कमेटी के सदस्य हैं, वही रहेंगे।
इधर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस को ड्यूटी में भेजी गई 576 डीटीसी बसो को तुरंत डिपो में लौटने का निर्देश दिया है।यह बसें किसान आंदोलन में सुरक्षाबलों की आवाजाही में लगी है। दिल्ली परिवहन विभाग ने डीटीसी को निर्देश दिए हैं कि बिना सरकार की इजाजत लिए दिल्ली पुलिस को बसे नहीं दे। साथ ही किसान आंदोलन के समर्थन में पिछले 24 घंटे में कई विदेशी हस्तियां सामने आई है। क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे भारत में किसानों के आंदोलन के साथ हैं। वही पॉप सिंगर रिहाना ने लिखा कि हम किसान आंदोलन के बारे में चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं। इस पर भारतीय सेलिब्रिटीज ने पलटवार कर जवाब दिया। कंगना रनौट ने कहा “बैठ जाओ हम तुम लोगों की तरफ देश नहीं बेच रहे। कोई भी इस मुद्दे पर बात इसलिए नहीं कर रहा, क्योंकि हिंसा फैला रहे लोग किसान नहीं, आतंकी है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)