नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने सोने के गहनों में 15 जून से गोल्ड हॉल मार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। केंद्र सरकार ने सभी ज्वेलर्स के लिए यह अनिवार्य किया है कि वह सिर्फ बीआईएस प्रमाणित गहने ही बेचेंगे। अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो आपको गोल्ड हॉल मार्किंग को अवश्य देखना चाहिए। सोने की खरीदारी में प्रमाणिकता लाने के लिए सरकार ने ऐसा किया है।
गोल्ड हॉल मार्किंग को लेकर केंद्र सरकार पिछले डेढ़ साल से विचार कर रही है और इस आदेश को आज से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। वैसे तो यह आदेश पहले ही लागू हो जाना चाहिए था लेकिन कोरोना काल के कारण देरी से लागू हुआ।
नियम ना मानने पर हो सकती जेल।
अगर कोई ज्वेलर्स इन नियमों की अनदेखी करता है तो सरकार की ओर से बीआईएस एक्ट, 2016 के सेक्शन 29 के तहत 1 साल की जेल या 1 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
यह नियम किसके लिए तथा कितने कैरेट गोल्ड पर होगी हॉल मार्किंग
केंद्र सरकार ने कहा है कि गोल्ड हॉल मार्किंग के तहत देश के सभी सोना व्यापारी सोने के गहने या कलाकृति बेचने के लिए बी आई एस स्टैंडर्ड के मानकों को पूरा करेंगे। जो भी व्यापारी मानकों को पूरा नहीं करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट शुद्धता वाले सोने को हॉलमार्किंग की जाएगी।
घर वाले सोने पर क्या पड़ेगा प्रभाव?
घर पर रही सोने का क्या प्रभाव पड़ेगा। तो केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर कहा है कि यह हॉल मार्किंग का नियम केवल गहने बेचने वाले ज्वेलर्स के लिए ही लागू किया जाएगा। ग्राहक अपनी ज्वैलरी बिना हॉल मार्किंग कर ही भेज सकते हैं। ग्राहक के सोने और घर पर रखे सोने पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इस नियम से सोने की शुद्धता का प्रमाण आसानी से ग्राहक को प्राप्त हो सकेगा
सरकार के इस कदम से सोने की शुद्धता का प्रमाण आसानी से दिया जा सकता है। प्रमाण होने से हैंड क्राफ्ट गोल्ड मार्केट को बढ़ाओ मिलेगा इसके साथ ही ज्वैलरी इंडस्ट्री का भी विस्तार होगा। वर्तमान में 234 जिलों में 892 हॉल मार्किंग केंद्र संचालित हैं। जोगी 28850 बी आईएस रजिस्टर्ड ज्वेलर्स के लिए हॉलमार्क करते हैं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा मार्मिक धारा