Home Uncategorized जंगल के स्कूल का रिजल्ट

जंगल के स्कूल का रिजल्ट

by marmikdhara
0 comment

हुआ यूँ कि जंगल के राजा शेर ने ऐलान कर दिया कि अब आज के बाद कोई अनपढ़ न रहेगा। हर पशु को अपना बच्चा स्कूल भेजना होगा। राजा साहब का स्कूल पढ़ा-लिखाकर सबको Certificate बँटेगा।
सब बच्चे चले स्कूल। हाथी का बच्चा भी आया, शेर का भी, बंदर भी आया और मछली भी, खरगोश भी आया तो कछुआ भी, ऊँट भी और जिराफ भी।
FIRST UNIT TEST/EXAM हुआ तो हाथी का बच्चा फेल।
“किस Subject में फेल हो गया जी?”
“पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गया, हाथी का बच्चा।”
“अब का करें?”
“ट्यूशन दिलवाओ, कोचिंग में भेजो।”
अब हाथी की जिन्दगी का एक ही मक़सद था कि हमारे बच्चे को पेड़ पर चढ़ने में Top कराना है।
किसी तरह साल बीता। Final Result आया तो हाथी, ऊँट, जिराफ सब फेल हो गए। बंदर की औलाद first आयी। Principal ने Stage पर बुलाकर मैडल दिया। बंदर ने उछल-उछल के कलाबाजियाँ दिखाकरगुलाटियाँ मार कर खुशी का इजहार किया। उधर अपमानित महसूस कर रहे हाथी, ऊँट और जिराफ ने अपने-अपने बच्चे कूट दिये। नालायकों, इतने महँगे स्कूल में पढ़ाते हैं तुमको | ट्यूशन-कोचिंग सब लगवाए हैं। फिर भी आज तक तुम पेड़ पर चढ़ना नहीं सीखे। सीखो, बंदर के बच्चे से सीखो कुछ, पढ़ाई पर ध्यान दो।
फेल हालांकि मछली भी हुई थी। बेशक़ Swimming में First आयी थी पर बाकी subject में तो फेल ही थी। मास्टरनी बोली, “आपकी बेटी के साथ attendance की problem है।” मछली ने बेटी को आँखें दिखाई। बेटी ने समझाने की कोशिश की कि, “माँ, मेरा दम घुटता है इस स्कूल में। मुझे साँस ही नहीं आती। मुझे नहीं पढ़ना इस स्कूल में। हमारा स्कूल तो तालाब में होना चाहिये न?” नहीं, ये राजा का स्कूल है। तालाब वाले स्कूल में भेजकर मुझे अपनी बेइज्जती नहीं करानी। समाज में कुछ इज्जत Reputation है मेरी। तुमको इसी स्कूल में पढ़ना है। पढ़ाई पर ध्यान दो।”
हाथी, ऊँट और जिराफ अपने-अपने Failure बच्चों को पीटते हुए ले जा रहे थे। रास्ते में बूढ़े बरगद ने पूछा, “क्यों पीट रहे हो, बच्चों को?” जिराफ बोला, “पेड़ पर चढ़ने में फेल हो गए?”
बूढ़ा बरगद सबसे पते की बात बोला, “पर इन्हें पेड़ पर चढ़ाना ही क्यों है ?” उसने हाथी से कहा, “अपनी सूंड उठाओ और सबसे ऊँचा फल तोड़ लो। जिराफ तुम अपनी लंबी गर्दन उठाओ और सबसे ऊँचे पत्ते तोड़-तोड़ कर खाओ।” ऊँट भी गर्दन लंबी करके फल पत्ते खाने लगा। हाथी के बच्चे को क्यों चढ़ाना चाहते हो पेड़ पर? मछली को तालाब में ही सीखने दो न?
दुर्भाग्य से आज स्कूली शिक्षा का पूरा Curriculum और Syllabus सिर्फ बंदर के बच्चे के लिये ही Designed है। इस स्कूल में 35 बच्चों की क्लास में सिर्फ बंदर ही First आएगा। बाकी सबको फेल होना ही है। हर बच्चे के लिए अलग Syllabus, अलग subject और अलग स्कूल चाहिये।
हाथी के बच्चे को पेड़ पर चढ़ाकर अपमानित मत करो। जबर्दस्ती उसके ऊपर फेलियर का ठप्पा मत लगाओ। ठीक है, बंदर का उत्साहवर्धन करो पर शेष 34 बच्चों को नालायक, कामचोर, लापरवाह, Duffer, Failure घोषित मत करो।
मछली बेशक़ पेड़ पर न चढ़ पाये पर एक दिन वो पूरा समंदर नाप देगी।


हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)

You may also like

Leave a Comment

True Facts News is renowned news Paper publisher in Jaipur, Rajasthan

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

Laest News

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by TrueFactsNews