आटे के कट्टे ने अहम भूमिका निभाई मासूम की हत्या का पर्दाफाश करने में-
राजस्थान के जोधपुर में एक 7 वर्षीय मासूम के अपहरण और हत्या की गुत्थी को पुलिस ने कुछ घंटों में ही सुलझा दिया। जिस आटे के कट्टे में शव मिला उसी ने पुलिस को हत्यारे तक पहुंचा दिया। आटे का कट्टा सबसे अहम कड़ी साबित हुआ। 25 किलो आटे के कट्टे के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई और देर रात हत्यारों को गिरफ्त में ले लिया। आरोपी ने गरीबी से तंग आकर इस वारदात को अंजाम दिया था।
डीसीपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मासूम का शव आटे के कट्टे में मिलने के बाद हमने उस पर फोकस किया और जांच उसी दिशा में आगे बढ़ाई। सबसे पहले आटा निर्माता कंपनी से कट्टे पर अंकित बैच नंबर के आधार पर पता किया कि इसकी सप्लाई किस क्षेत्र में हुई थी। उसके बाद दुकानदारों से पूछताछ की गई। फिर मासूम की गली में लगे 2 सीसीटीवी कैमरों से जांच की तो पता चला कि पड़ोस में रहने वाला किशन सोनी रोटी बनाने का काम करता है। उससे घर पर आटे की खपत अधिक होती है।
दुकानदारों ने बताया कि हर तीसरे दिन किशन आटे का एक कट्टा लेकर जाता है। इस पर पुलिस ने किशन सोनी के घर पर जांच की तो वहां इसी कंपनी के कई आटे के कट्टे मिले। पुलिस की डॉग स्क्वायड टीम भी बार-बार किशन के घर के तरफ पहुंच रही थी। ऐसे में शक और गहरा हो गया। इसके बाद पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल किशन सोनी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई पूछताछ में उसने वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया।
वारदात को अंजाम देने के बाद हत्या का आरोपी शहर छोड़कर नहीं भागा। वह मोहल्ले वालों व परिवार वालों के साथ ही एमडीएम हॉस्पिटल की मोर्चरी पहुंचा, जहां पुलिस के खिलाफ नारेबाजी वह कर हत्यारे की जल्द गिरफ्तारी की मांग करने लगा। इस दौरान सादा वस्त्रों में खड़े पुलिसकर्मियों ने उसकी उत्तेजना को देखते हुए उसकी पहचान की। पुलिस शाम से ही उस पर संदेह जताते हुए घर की तलाशी और दूसरे साक्ष्य जुटा रही थी। पुलिस ने उसे मोर्चरी के बाहर से ही पकड़ लिया।
डीसीपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि जैसे ही पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसने अपने हाथों में पकड़ा मोबाइल पैरों से तोड़ डाला। लेकिन पुलिस ने उसके मोबाइल की जांच पहले ही कर ली थी। जो मासूम के दादा को उसने मैसेज भेजे वह ट्रेस आउट कर लिए थे। डीसीपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि हत्यारा किशन सोनी मासूम की हत्या करने के बाद उसके दादा से 10 लाख रुपए की फिरौती मांगने लगा। इसके लिए मासूम हिमांशु के दादा ओम प्रकाश को मैसेज भी किया। जिसमें लिखा कि रुपए नहीं दिए तो पोते को मार दूंगा। लेकिन हत्यारा प्रोफेशनल अपराधी नहीं होने से उसने हत्या पहले ही कर दी, लेकिन बाद में भी मैसेज करता रहा।
आरोपी किशन सोनी से प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि हत्यारा गरीब परिवार का है। पूरा परिवार घर में ही रोटियां बना कर अपना गुजारा करता है। रुपयों के लालच में उसने मासूम को अगवा कर उसकी हत्या की और फिरौती की मांग की।
करीब 10 पुलिस की टीम आपसी समन्वय बनाते हुए हत्यारे तक पहुंचने का प्रयास कर रही थी। सामूहिक प्रयास का नतीजा था कि पुलिस ने कुछ चंद घंटों में ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस सफलता में टेक्निकल टीम का विशेष योगदान रहा। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए मामले की तह तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)