अलवर, जिला अस्पताल में गुरुवार को एक झोलाछाप डॉक्टर की मौत हो गई। परिजनों के मना करने पर भी पुलिस और डॉक्टर ने उसका पोस्टमार्टम कराया। पुलिस ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर नशे का आदी था। नशे के इंजेक्शन भी खुद ही लगाता था। अनुमान लगाया जा रहा है कि ओवरडोज के कारण उसकी मौत हुई है। इसलिए परिवार के मना करने पर भी हमने पोस्टमार्टम करवाया।
अलवर के निकट कीथूर गांव निवासी झोलाछाप डॉक्टर भगवान सिंह मूल रूप से हरियाणा के सिरसा का रहने वाला था। वह कई सालों से गांव में परिवार के साथ रह रहा था। शव लेने आए मृतक के परिजनों ने भगवान सिंह को नशे की लत होने से मना किया। उन्होंने कहा कि उसके पैरों में दिक्कत रहती थी। पहले एक्सीडेंट भी हो चुका था। लेकिन एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि नशे की उसे नशे की लत थी।
मृतक का शव लेने पहुंचे परिजन ने कहा कि बुधवार को 3 बजे भगवान सिंह की मौत हुई थी। जबकि शव दूसरे दिन करीब 11:30 बजे हमें सौंपा गया। इस बीच शव लेने के लिए सांसद बालकनाथ और श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली को भी फोन किए गए। फिर भी शव दूसरे दिन ही मिला, जबकि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक मनोज ने बताया कि मृतक नशे का आदी तक था। इसलिए पोस्टमार्टम करना जरूरी था। पहले दिन परिजनों के आने में देरी हुई और दूसरे दिन पुलिस थोड़ी देर से आई। इस कारण कुछ देर हुई।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)