कृषि कानूनों के विरोध में 2 महीने से शांतिपूर्ण चल रहा किसान आंदोलन 26 जनवरी को हिंसात्मक रूप में बदल गया। ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने नियम ही नहीं तोड़े, बल्कि दिल्ली पुलिस व सुरक्षाबलों से मारपीट, तोड़फोड़ भी की। उसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रही है। अभी दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों की मीटिंग चल रही है। पुलिस का दावा है कि मंगलवार की हिंसा में 300 जवान घायल हुए हैं। एक एडिशनल डीसीपी पर तलवार से हमला किया गया। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जा सकती है।
सिंधु बॉर्डर पर किसान नेताओं की मीटिंग-
मंगलवार को हिंसा की घटनाओं पर पुलिस अब तक 22 केस दर्ज कर चुकी है। जाहिर है किसान नेताओं की चिंता बढ़ गई होगी। ट्रैक्टर रैली में हिंसा की घटनाओं पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आज 3:00 बजे सिंधु बॉर्डर पर मीटिंग करेंगे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता एसएस पंढेर ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए कुछ लोग प्रदर्शन में शामिल हो गए थे।
दिल्ली बॉर्डर के साथ हरियाणा पंजाब में हाई अलर्ट-
दिल्ली में मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव में कई किसानों को भी चोटें आई हैं। ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई। आज पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उधर हरियाणा और पंजाब सरकार ने अपने-अपने राज्यों में हाई अलर्ट कर दिया है।
किसान नेता ने कहा, मंगलवार को ट्रैक्टर रैली में शामिल उपद्रवी बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए और लाल जिले तक पहुंच गए। उन्होंने प्राचीर पर पढ़कर धार्मिक झंडा फैहरा दिया। इस घटना पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा जिन्होंने हिंसा फैलाई और लाल किले पर झंडा फहराया वे खुद भुगतेंगे। पिछले 2 महीने से एक समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश चल रही है यह आंदोलन सिखों का नहीं बल्कि किसानों का है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)