26 जनवरी को दिल्ली में हुए उग्र प्रदर्शन के बावजूद दिल्ली सरकार ने किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाजत दे दी है। यह परमिशन 22 जुलाई से लेकर 9 अगस्त तक दी गई है। प्रदर्शन का समय सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने शर्तों के साथ प्रदर्शन की मंजूरी दी है।
भारतीय किसान यूनियन लीडर राकेश टिकैत सिंधु बॉर्डर पहुंच चुके हैं। यहां से 200 किसानों को बस से जंतर मंतर ले जाया जाएगा। जहां वो किसान संसद लाएंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि हम मानसून सत्र की कार्यवाही पर भी नजर रखेंगे।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे किसान सिंधु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। दिल्ली में जंतर मंतर और बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने किसानों को इस शर्त पर प्रदर्शन की इजाजत दी है कि वह संसद तक कोई मार्च नहीं निकालेंगे।
इससे पहले 26 जनवरी को रैली में हुई थी हिंसा-
इसी साल 26 जनवरी को लाल किले पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी। इसके बाद में उन्हें पहली बार दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत मिली है। 26 जनवरी की रैली के दौरान प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे और कई उपद्रवियों ने लाल किले में घुसकर पुलिसकर्मियों से मारपीट की थी और किले के प्राचीर पर धार्मिक झंडा भी फहरा दिया था।
कृषि कानून बिल को लेकर केंद्र और किसान दोनों अडे-
देश के किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान संगठनों की केंद्र सरकार से 10 दौर की बातचीत भी हो चुकी है। लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसान कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अडे़ है। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि वह किसानों की मांग के मुताबिक कानूनों में बदलाव कर सकती है। लेकिन कानून वापस नहीं जाएंगे।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)