डिनर शब्द जो अंग्रेजों ने हमें दिया, जिसका मतलब आज के परिपेक्ष में देर रात तक भोजन करने की खराब आदत। लेकिन भारतीय संस्कृति भोजन करने के इस तरीके को अच्छा नहीं मानती है।
आयुर्वेद में महर्षि वाग्भट ने शाम का भोजन सूर्यास्त से पहले करने की बात बताई तथा जैन धर्म में भी जैन धर्मावलंबी शाम का भोजन सूर्यास्त से पहले कर लेते हैं। जैन तो सूर्यास्त के बाद भोजन ही नहीं करते। लेकिन आज के इस भाग -दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के लाइफस्टाइल में यह संभव नहीं हो पाता है कि व्यक्ति सूर्यास्त से पहले भोजन कर सके। देर रात तक भोजन करने से मानव शरीर में कई बीमारियां हो जाती हैं। जैसे डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। पाचन सिस्टम भी खराब हो जाता है। कंसलटेंट डाइटिशियन राघव शर्मा बताते हैं कि देर से खाना खाने के 4 खतरे है।
1- पाचन होने से खराब शरीर को पोषण नहीं मिलता:-“
रात में दिन की अपेक्षा मेटाबॉलिज्म धीमा होता है। शरीर को भोजन पचाने में दिक्कत आती है। इससे शरीर को सही न्यूट्रीशन नहीं मिल पाते हैं। और बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
2:- “याददाश्त पर असर:-“
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया लॉस एंजेलिस के वैज्ञानिकों द्वारा चूहों पर किए शोध में पाया कि जिन चूहों को सोने के समय खाना खिलाया, उनकी याददाश्त और सीखने की क्षमता प्रभावित हुई। चूहों में याददाश्त बनाने वाले अणु भी प्रभावित हुए।
3:-ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग का खतरा:-“
एक विदेशी यूनिवर्सिटी के रिसर्च के मुताबिक रात को देरी से खाना खाने से हाई बीपी, डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज बढ़ता है। यह खून में एक विशेष फैट को बढ़ाता है। जिससे हृदय रोग का खतरा होता है।
4:- “मोटापा:-“
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के अनुसार सोने के समय खाना खाने से मोटापा बढ़ता है। इससे शरीर में लंबे समय तक अतिरिक्त कैलोरी एकत्रित रहती है। जो फैट के रूप में जमा हो जाती है।
विकास शर्मा (मार्मिक धारा)