अलवर शहर के हरीश हॉस्पिटल पहुंचकर सोमवार को नगर परिषद सभापति बीना गुप्ता ने नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारियों के साथ हाथापाई कर दी। बात सिर्फ इतनी सी थी कि हॉस्पिटल संचालक ने फोन नहीं उठाया था। इसके बाद गुस्से में सभापति अस्पताल पहुंची वहां सबसे पहले रिसेप्शन पर बैठी महिला कर्मचारी को कुर्सी से खींच लिया। बाद में पहुंची पुलिस पर भी उन्होंने मिलीभगत का आरोप लगाया और अस्पताल स्टाफ के साथ भी मारपीट करने की बात सामने आई है।
बता दें कि सभापति बीना गुप्ता का परिचित अस्पताल में भर्ती था। इसके लिए उन्होंने सुबह करीब 7 बजे अस्पताल के संचालक डॉ हरीश गुप्ता को फोन किया। डॉक्टर ने उस समय फोन नहीं उठाया। सभापति ने कहा कई बार फोन करने पर भी जवाब नहीं मिला। इसके बाद करीब 10 बजे सभापति बीना गुप्ता अस्पताल पहुंची। वहां रिसेप्शन पर बैठी कर्मचारी से बोली प्रभारी से बात कराओ। जब बात नहीं कराई गई तो सभापति ने रिसेप्शन पर बैठी महिला कर्मचारी को पकड़ कर खींच लिया। इस बीच, बीच बचाव करने आए नर्सिंग स्टाफ के साथ भी उन्होंने अभद्रता की।
संचालक हरीश गुप्ता ने कहा कि सभापति ने स्टाफ के साथ मारपीट की है। जबकि यह जरूरी नहीं कि उनको हर व्यक्ति जाने। रिसेप्शन पर बैठी कर्मचारी को जरूरी नहीं कि पता हो सभापति कौन है। उनका फोन नंबर उनके पास हो यह भी जरूरी नहीं है।
सभापति ने कहा कि यहां मरीजों को अनावश्यक भर्ती रखा जाता है। और उनसे मोटा पैसा वसूला जा रहा हैं। मरीजों के परिजन भी परेशान मिले। इसके अलावा पुलिसकर्मी की भी मिलीभगत का आरोप लगाया गया है।
मौके पर मौजूद अस्पताल में कांग्रेस पार्टी पार्षद वह पूर्व नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र मीणा भी मौजूद थे। उन्होंने साफ कहा कि कोविड महामारी के दौर में सभापति का रवैया सही नहीं है। स्टाफ के साथ अभद्रता की है। जबकि वे खुद शहर की प्रथम नागरिक हैं। अस्पताल स्टाफ के साथ ऐसा बर्ताव करना गलत है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)