अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से भेजा गया रोवर “पर्सविरन्स” मंगल ग्रह पर उतर चुका है।रोवर को किसी ग्रह की सतह पर करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। रोवर में दो माइक्रोफोन के साथ 25 कैमरा है। 6 पहिए वाला यह रोवर अपनी 7 फीट की आर्म का इस्तेमाल कर चट्टानों के सैंपल और बाकी जानकारी जुटायेगा। जिससे मंगल ग्रह के संबंधित सवालों के जवाब बड़ी आसानी से मिल सकता है। वैज्ञानिकों को इस बात को जानने में सहूलियत होगी क्या कभी इस ग्रह पर जीवन था।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था 3 से 4 अरब साल पहले रहा होगा। जब ग्रह पर पानी बहता था।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है। इस प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक केन विलिफोडॆ ने कहा है,”क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी,कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?
नासा में साइंस मिशन डायरेक्टरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुबुचेन ने मंगलवार को कहा,”पर्सविरन्स नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है। यह मिशन इस बात को पता लगाने के लिए है कि क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं? इस सवाल का जवाब हमें उस लैंडिंग टीम से मिलेंगे जो हमें जेजीरो क्रेटर तक ले जाएगी”
जेजीरो एक बेसिन है और वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां एक प्राचीन नदी बहती थी। उसकी गाद वहां जमा है वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां के वातावरण में जीवन होने के सबूत संरक्षित हो सकते हैं। अर्थात जीवन होने की संभावना मानी जा सकती है।
“पर्सविरन्स” नासा की ओर से भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल मिशन है।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)