जयपुर ग्रेटर नगर निगम की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर मामले में उनकी एसएलपी अपील पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। जस्टिस संजय किशन काॅल और जस्टिस ऋषिकेश राॅय की खंडपीठ में सुनवाई रखी गई है। सौम्या गुर्जर की ओर से एडवोकेट रुचि कोहली की ओर से दायर इस अपील पर पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे हैं। राज्य सरकार, स्थानीय निकाय विभाग के विशिष्ट सचिव व उपनिदेशक नगर निगम आयुक्त और कार्यवाहक महापौर शील धाबाई को पिछली सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किए गए थे। जिनके जवाब पर भी कोर्ट देख रहा है। अपील में सौम्या गुर्जर की याचिका राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से खारिज करने के 28 जून के आदेश को चुनौती दी गई है। नगर निगम आयुक्त की ओर से सौम्या गुर्जर पर तेज आवाज में बोलने के आरोप लगाए गए हैं। सौम्या के वकील ने इसे दुर्व्यवहार की श्रेणी में नहीं मानने की बात कही है। और इस आधार पर निलंबन को गलत ठहराया गया है। साथ ही राजनीतिक द्वेष के कारण सौम्या गुर्जर को महापौर पद से हटाने की दलीले गई है। इस तरह के आरोप लगाते हुए नगर पालिका अधिनियम की धारा 39 के प्रावधान की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई है।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में सीनियर एडवोकेट मनीष सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। जिन्होंने राजनीतिक द्वेष के आधार पर सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। क्योंकि राज्य सरकार की ओर से बीजेपी की ही ओबीसी महिला पार्षद को कार्यवाहक महापौर बनाया गया है। साथ ही सौम्या गुर्जर के पति को भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े जाने की भी जानकारी दी है। क्या सौम्या गुर्जर को अंतरिम राहत दी जा सकती है, इस बिंदु पर कोर्ट को मेरिट के आधार पर निर्णय करना है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)