न्यायालय द्वारा 60 लाख के चेक अनादर के मामले में अभियुक्त को किया गया दोषमुक्त
अजमेर – न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 1 अजमेर ने बनवारी बनाम मंजू देवी व बनवारी बनाम कन्हैयालाल दोनों मुकदमों में मुलजीमान को संदेह का लाभ के आधार पर बरी कर दिया | उक्त प्रकरण में परिवादी बनवारी ने अपने भाई कन्हैया लाल व उसकी पत्नी मंजू देवी पर 12 केस किए I जिनमें 8 मुकदमे मंजू देवी पर और 4 मुकदमे अपने भाई कन्हैयालाल पर किए | सभी मुकदमे ₹500000 के चेक अनावरण के थे | परिवादी बनवारी ने अपने परिवाद में यह बताया कि उन्होंने समय-समय पर ₹ 60 लाख उधार दिए थे और उसके एवज में उसके भाई व उसकी भाभी ने उसको चेक दिए थे | परंतु उक्त प्रकरण में मुलजिम के अधिवक्ता श्री रमेश कुमार शर्मा ने न्यायालय में परिवादी से जिरह की जिसमें परिवादी यह नहीं बता पाया कि वह ₹ 60 लाख कहां से लाया था | परिवादी ने 60 लाख रुपए अपनी पुत्री व पुत्र व फर्मो से कमाना बताया लेकिन इस बाबत कोई भी किसी प्रकार के कोई दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया I परिवादी ने उक्त प्रकरण में यह भी साबित नहीं किया कि वह चेक 2017 में उसके भाई और भाभी ने उसको प्रदान किए थे तथा परिवादी यह भी साबित नहीं कर पाया कि चेक मुलजिम के द्वारा भरे गए थे या किसी और अन्य व्यक्ति के द्वारा भरे गए थे | जबकि उक्त सभी चेक 1998 के पहले के थे | न्यायालय में अधिवक्ता मुलजिम श्री रमेश कुमार शर्मा के द्वारा प्रतिरक्षा पक्ष की ओर से विभिन्न न्यायिक दृष्टांत पेश किए गए | न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों के तर्क सुनने के पश्चात और प्रस्तुत न्यायिक दृष्टांत के आधार पर अभियुक्त को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया |
भानु प्रकाश शर्मा (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)