गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा पर पाकिस्तान ने बयान दिया। जिसके बाद यह मुद्दा देश विदेश में तेजी से गरमाया । इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है।भारत के खिलाफ टिप्पणी करने में पाकिस्तान हमेशा तैयार रहता है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भारत सरकार आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज को दबाने में नाकाम रही है और अब पूरा भारत किसानों के साथ खड़ा है। इसके अलावा पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि दुनिया को भारत की दमनकारी सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
आपको बता दें कि किसान पिछले 2 महीने में दिल्ली के अलग-अलग सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन जो हिंसा हुई।उसमें शामिल प्रदर्शनकारियों से किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले प्रतिनिधियों ने खुद को अलग कर लिया है।
एक युवक को लाल किले में ध्वज स्तंभ पर एक त्रिकोण आकार का पीले रंग का झंडा फहराते हुए देखा गया। यह झंडा वही फहराया गया। जहां स्वतंत्र दिवस के दिन झंडा फहराया जाता है। हालांकि कुछ देर बाद में ही प्रदर्शनकारियों को लाल किले के परिसर से हटा दिया गया था।
किसानों को गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन के बाद के मार्ग पर ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी गई थी। लेकिन इन शर्तों का उल्लंघन किया गया।कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई और लाठीचार्ज किया गया। पुलिस ने कुछ जगहों पर शांति बनाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।
इसके अलावा कई किसानों को पुलिसकर्मियों की लाठी और खड़ी बसों को अपने ट्रैक्टरों से टक्कर मारते देखा गया। एक ट्रैक्टर के पलट जाने से प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।हालांकि पिछले 2 महीनों से किसान आंदोलन शांति के साथ किया जा रहा था।
पाकिस्तान जैसा निकम्मा देश जिसके यहां यह घटनाएं एक आम बात है। पूरा विश्व जो पाकिस्तान को पसंद नहीं करता। उनके नागरिकों को गलत तरीके से देखा जाता है और कैसे लोग ऐसा बयान दे रहे हैं। “जिनके घर शीशे के होते हैं वह दूसरों के घरों में पत्थर नहीं फेंकते हैं।”यह राजकुमार का डायलॉग पाकिस्तान को याद रखना चाहिए।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)