कपूर परिवार के सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर का फरवरी में निधन हो गया था। वह तलाकशुदा थे, और उनके कोई संतान भी नहीं थी। ऐसे में उनकी प्रॉपर्टी का मामला कोर्ट में पहुंचा है। सोमवार को मुंबई हाईकोर्ट में उसकी सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने रणधीर कपूर और रीमा जैन से अंडरटेकिंग मांगी है। जिसमें कहा गया कि वे राजीव की डाइवोर्स डिग्री को खोजें और उसे कोर्ट के सामने प्रस्तुत करें।
जस्टिस गौतम पटेल ने रणधीर कपूर और रीमा जैन द्वारा दायर की गई वसीयतनामा याचिका पर सुनवाई की। जिसमें कहा गया कि राजीव कपूर की साल 2008 में आरती सभरवाल से शादी तो हुई थी, मगर 2 साल में ही वह टूट गई। उनके कोई संतान भी नहीं थी। इसलिए राजीव की प्रॉपर्टी कपूर खानदान के नाम की जाए। जस्टिस गौतम ने कहा कि प्रॉपर्टी आपके नाम हो जाएगी, लेकिन पहले आप डायवोर्सड डिग्री खोज कर कोर्ट में जमा करें। ऐसे मामलों में कोर्ट पहले डाइवोर्स के आर्डर जारी करता है। फिर डिग्री आती है।
जस्टिस पटेल ने अपने आदेश में कहा कि रीमा के 21 अप्रैल के अतिरिक्त हलफनामे में इस तलाक के तथ्य फिर से पूष्टि है। यह नोट करता है कि सार्वजनिक डोमेन में कुछ सामग्री भी है जो तलाक का उल्लेख करती है।
रणधीर कपूर और रीमा की ओर से सीनियर एडवोकेट शरण जगतियानी ने कहा कि हाई कोर्ट रजिस्ट्री ने तलाक की डिग्री की प्रमाणित प्रति मांगी है। उन्होंने यह कहते हुए डिग्री जमा कराने की अनुमति मांगी है कि उनके पास इसकी प्रति नहीं है। और यह भी नहीं पता कि किस फैमिली कोर्ट में इसे पारित किया। वकील ने कोर्ट से मांग की है कि रजिस्ट्री डिपार्टमेंट को यह मामला डिस्पेंस करने के निर्देश दिए जाएं। इस पर कोर्ट ने रणधीर और नीमा के हलफनामे लेते हुए भरोसा दिलाया है कि प्रॉपर्टी उन्हें उनके नाम की जाएगी।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)