प्रताप नगर एनआरआई सर्किल स्थित शिवम सुपर स्पेशलिटीज हॉस्पिटल चार कोरोना मरीजों को 2000 रूपए प्रति घंटे के हिसाब से ऑक्सीजन बेचने का मामला सामने आया है। चिकित्सा विभाग ने 26 अप्रैल से अस्पताल की कोविड केयर की मान्यता रद्द की जा चुकी है। फिर भी अस्पताल संचालक लगातार कोविड मरीजों को भर्ती कर अवैध रूप से वसूली कर रहा था।
शिकायतें मिलने पर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने रविवार रात 8:30 बजे सीएमएचओ-2 हंसराज भदालिया को आदेश देकर अस्पताल को सील करवा दिया। अस्पताल में भर्ती चारों कोरोना मरीजों को डिप्टी सीएमएचओ डॉ सुरेंद्र सैनी की देखरेख में वैशाली नगर स्थित शैल्बी अस्पताल में शिफ्ट करवा दिया गया है। एक शव को जेएनयू अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है।
ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी निजी अस्पताल को सीज किया गया है। कार्रवाई के दौरान अस्पताल संचालकों के सहयोग नहीं करने पर प्रताप नगर थाना पुलिस को भी बुलाया गया था। डिप्टी सीएमएचओ डॉ सुरेंद्र कुमार सैनी ने बताया कि अस्पताल के अकाउंटस भी खंगाले ले जाएंगे। इसके लिए सोमवार को समिति का गठन भी किया जाएगा।
कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने बताया कि 20 दिन पहले भी शिकायतों के बाद अस्पताल को नोटिस देकर कोविड मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया गया था। उस समय भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई जारी रखी गई थी। इस ऑक्सीजन सप्लाई का गलत फायदा उठाकर अस्पताल संचालक कोविड मरीजों को भर्ती कर उपचार कर रहा था।
अस्पताल में 4 भर्ती मरीज थे। जबकि ऑक्सीजन के 15 से 20 सिलेंडर मंगवा रहे थे। इन सिलेंडर को आस पास के निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को बेचा जा रहा था। कलेक्टर नेहरा ने बताया कि ऑक्सीजन कहां बेची गई इसका पता लगाया जा रहा है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)