जयपुर के प्रताप नगर में स्थित RUHS अस्पताल की छठी मंजिल पर कोरोना पॉजिटिव आयकर विभाग के अधिकारी ने बेडशीट से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। 4 साल पहले रिश्वत लेते सीबीआई ने पकड़ा था अफसर को।
जयपुर के आरयूएचएस हॉस्पिटल में भर्ती आयकर विभाग के अफसर ने खुदकुशी कर ली। अफसर ने हॉस्पिटल की छठी मंजिल पर बने वार्ड में बेडशीट से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मामला सोमवार तड़के 4 बजे का है जब उन्हें हॉस्पिटल के सुरक्षा गार्ड ने फंदे से लटका देखा। इसके बाद आरयूएचएस प्रबंधन और प्रताप नगर थाना पुलिस को सूचना दी गई।
बता दें कि सुसाइड करने वाले विनय कुमार मंगला को 4 साल पहले सीबीआई ने 1लाख रूपए की रिश्वत लेते हुए झालावाड़ में पकड़ा था। और इसी मामले में कोर्ट ने उन्हें 22 जनवरी को जेल भेजा था। इसके बाद विजय कुमार मंगला की कोरोना टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद उन्हें जयपुर के प्रतापनगर स्थित आरयूएचएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
विनय कुमार मंगला छठी मंजिल पर बने वार्ड में अकेले थे। सुबह करीब 4 बजे सिक्योरिटी गार्ड ने राउंड के दौरान विनय कुमार को वार्ड में अपने बेड पर देखा था। इसके बाद जब दोबारा आया, तब वह पंखे के कड़े से फंदे पर लटकते हुए नजर आए।
पुलिस ने बताया कि विनय कुमार मंगला कोटा में श्रीनाथपुरम के रहने वाले थे। मामला न्यायिक हिरासत में मौत से जुड़ा होने पर एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। मौके पर कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचाया गया।
1 लाख की रिश्वत लेते सीबीआई ने पकड़ा था 4 साल पहले-
जानकारी में सामने आया है कि सीबीआई ने झालावाड़ में विजय कुमार मंगला को पेट्रोल पंप मालिक से 1 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। परिवादी पेट्रोल पंप की 2014 – 15 की आयकर डिमांड नहीं निकालने के एवज में मंगला ने सवा लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
परिवादी ने बातचीत करके आयकर अधिकारी मंगला को 1 लाख रुपए देना तय किया। रिश्वत की रकम काम करने के बाद देना तय किया। तो विनय कुमार ने परिवादी से बिना डेट 1 लाख रुपए का चेक ले लिया था। मामला सीबीआई तक पहुंच गया। सीबीआई ने मंगला के घर तलाशी के दौरान डेढ़ किलो सोना, अचल संपत्ति के दस्तावेज, 4 बैंक लॉकर, 6 अलग-अलग बैंकों में खातो पता चला था। तब उन्हें सीबीआई द्वारा हिरासत में ले लिया गया और कोर्ट द्वारा 22 जनवरी को उन्हें जेल भेज दिया गया।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)