बाड़मेर के बहुचर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर पर लगातार उठ रहे सवालों और भारी विवाद के बाद अब राजस्थान सरकार ने आखिरकार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला कर लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमलेश एनकाउंटर की जांच सीबीआई को सौंपने की मंजूरी दे दी है।
सीएम की मंजूरी के बाद अब वह विभाग सिफ़ारिशी चिट्ठी, अधिसूचना और पूरे केस के दस्तावेज केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत मंत्रालय को भेजेगा। आज ही केंद्र को सीबीआई जांच की सिफारिश की चिट्ठी भेजने की तैयारी है। गृह विभाग तैयारी में जुट गया है।
कमलेश प्रजापत एनकाउंटर पहले दिन से ही सवालों के घेरे में था। पुलिस इस मामले में जो कहानी बता रही थी उस पर किसी को यकीन नहीं हो रहा था। पचपदरा विधायक मदन प्रजापत सहित प्रजापत समाज के गणमान्य लोगों ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी। पिछले दिनों मदन प्रजापत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जयपुर में मुलाकात की थी। सीबीआई से जांच करवाने पर सहमति दी थी। आज मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मंजूरी दे दी है।
बता दे कि पुलिस ईएफआईआर में कमलेश की गाड़ी का वींड शीट टूटा हुआ बताया गया जबकि वायरल सीसीटीवी में पुलिसकर्मी डंडे से गाड़ी की वींड शीट तोड़ते हुए दिख रहे हैं। सवाल यह है कि पुलिस ने डंडे से वींड शीट क्यों तोड़ी? पुलिस को कमलेश पर 4 राउड़ फायर करने की क्या जरूरत पड़ी थी? जबकि उसकी गाड़ी में कोई हत्यार नहीं मिला।
कमलेश एनकाउंटर केस सीआईडी सीबी जांच कर रही है। पिछले दिनों सीआईडी सीबी की टीम ने एनकाउंटर स्थल पर जाकर जांच की थी।
राजस्थान सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश वाली चिट्ठी केंद्र सरकार को भेजे जाने के बाद इस केस का परीक्षण होगा। सीबीआई केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत मंत्रालय के अधीन आती है। मंत्रालय राजस्थान सरकार से मिली छुट्टी को सीबीआई को रेफर करेगा और सीबीआई पूरे केस का परीक्षण करने के बाद ही जांच करने या नहीं करने पर फैसला करेगी।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)