बीकानेर के पूर्व विधायक गोपाल जोशी गुरुवार सुबह पंचतत्व में विलीन हो गए। पांच दशक तक बीकानेर की राजनीति में सक्रिय रहने वाले जोशी को उनके बेटे गोकुल जोशी व उनके पोतो ने मुखाग्नि दी। कोरोना वायरस से संक्रमित जोशी का बुधवार सुबह जयपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। जोशी को बीकानेर में ‘बाउसा’ नाम से संबोधित किया जाता था।
जोशी का शव जयपुर से सीधे जोशीयों की बगीची ले जाया गया। जहां अंतिम संस्कार की पहले से तैयारी की हुई थी। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनका शव घर नहीं ले जाया गया। सभी औपचारिकताएं जोशीयों की बगीची में ही पूरी की गई। उनके बेटे वह भाजपा नेता गोकुल जोशी सहित तीनों बेटों व पोतो ने उन्हें अंतिम विदाई दी। सभी परिजनों ने पीपीई किट पहन रखी थी। किट में ही मुखाग्नि दी गई। और चारों और फेरी लगाई गई। अंतिम संस्कार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन कल्ला भी शामिल हुए। इसके अलावा शहर भाजपा अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, पूर्व अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य, मोहन सुराना, अविनाश जोशी, जतिन सहल भी उपस्थित थे।
जोशी परिवार ने अपने स्तर पर कोरोना गाइडलाइन की पूरी पालना की। बड़ी संख्या में लोगों को आने के लिए मना भी किया। इसके बाद भी अंतिम संस्कार में करीब 200 लोग उपस्थित थे। आजीवन जोशी के साथ रहने वाले कुछ समर्थक इस अंतिम समय में स्वयं को रोक नहीं सके।
बता दें कि पूर्व विधायक जोशी पिछले लंबे समय से अपने होटल के कक्ष में ही थे। परिजनों ने आम लोगों से उनका मिलना जुलना बंद कर रखा था। केवल उनके बेटे व पोते ही उनसे मिल पा रहे थे। होटल में काम करने वाले कुछ कर्मचारी भी उनके संपर्क में थे। काफी संयमित और अनुशासित जीवन जीने वाले जोशी को भी कोरोनावायरस ने चपेट में कैसे लिया यह चर्चा का विषय है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)