सिरोही, शराब तस्करी में शुरू हुई पुलिस के गठजोड़ का मामला सामने आने के बाद विजिलेंस और एसओजी ने जांच शुरू कर दी है। और इसके साथ साथ सिरोही पुलिस ACB की रडार पर आ गई है। सिरोही पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक के नाम पर डेढ़ लाख रुपए मांगने की शिकायत के बादACB ने हैड कांस्टेबल तेजाराम समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है तथा जांच शुरू कर दी है। इसकी जांच एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में की जाएगी। उल्लेखनीय है कि सिरोही में 30 मई को प्रदेश के 5 आबकारी अधिकारियों की ओर से हुई बड़ी कार्रवाई के बाद से स्थानीय पुलिस पर लगातार मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।
एक नया वीडियो भी सामने आया है।
आबूरोड शहर पुलिस के कांस्टेबल देवेंद्र का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें उसके द्वारा बताया गया है कि मार्च में हुई एक शराब तस्करी की कार्रवाई के बाद से एसपी नाराज चल रहे थे। जैसा कि बताया गया है प्री प्लानिंग तरीके से उसे मदुरई भेजा गया और उस पर यह आरोप लगाए गए कि वह 3 लाख रुपए लेकर आया है। इस पर हेड कांस्टेबल तेजाराम ने एसपी हिम्मत अभिलाष टांक के नाम डेढ़ लाख रुपए मांगे और नहीं देने पर निलंबित कराने की धमकी दी। और आखिर में देवेंद्र निलंबित हो गया। इस पूरे प्रकरण की शिकायत देवेंद्र ने एसीबी में की थी। एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी ने भी हेड कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।
विभाग के कर्मचारी लगाते हैं आरोप
इसी मामले में एक ऑडियो भी सामने आया है। जिसमें सिपाही देवेंद्र एक हेड कांस्टेबल से कह रहा था कि एसपी साहब आपके कंट्रोल में है और 1 दिन की और मोहलत ले लो। वही आबूरोड शहर थाना अधिकारी की ओर से भी एक वीडियो जारी कर बताया गया है कि देवेंद्र जिस कार्यवाही को कह रहा है ,उसमें वह था भी नहीं। दूसरी तरफ हेड कांस्टेबल की ओर से अलग ही कहानी बनाई गई। उसमें भी एक वीडियो जारी कर बताया है कि उसमें उसकी आवाज ही नहीं है। उसने किसी से रुपए नहीं मांगे और ना ही वह किसी के संपर्क में है। हेड कॉन्स्टेबल का कहना था कि देवेंद्र झूठ बोल रहा है और शराब तस्करी के मामले को इसमें जोड़ तूल दे रहा है। जबकि अब उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है।
विधायक संयम लोढ़ा ने लगाए आरोप।
विधायक संयम लोढ़ा ने आरोप लगाया कि पुलिस मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि मैंने डीजीपी एम एल लाठर से मुलाकात कर बताया था कि गुजरात तक की शराब तस्करी सीमावर्ती थानों के जरिए होती है। इसकी मुख्य वजह पुलिस मुख्यालय है। विधायक का कहना था कि गुजरात बॉर्डर से सटे थानों में सारे अधिकारी पुलिस मुख्यालय की सिफारिश से लगे हैं। पुलिस मुख्यालय के कुछ उच्च अधिकारी इन थाना प्रभारियों को संरक्षण देते हैं। ऐसे अधिकारी पुलिस की नौकरी नहीं बल्कि मुख्यालय के अफसरों के इशारों पर तरह शराब तस्करी के लिए काम करते हैं। उन्होंने पुलिस मुख्यालय के सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मंडार थाने में कोरोना काल में पिछले 1 साल के अंदर करीब 4 थाना अधिकारियों का तबादला हो चुका है।(इसके पीछे क्या कारण है कि सिरोही जिले के 25 थाना चौकियों में लगे पुलिस अधिकारी विभाग की नौकरी नहीं करते वह लोग अवैध कारोबार और शराब तस्करी कैसे हो इसके लिए काम करते हैं विभाग से भी यह बात छुपी हुई नहीं है।)
पुलिस मुख्यालय की ओर से भी गंभीरता से लिया यह मामला।
शराब तस्करी तथा बॉर्डर के थानों पर हुई नियुक्ति के ऊपर विधायक संयम लोढ़ा के सवाल उठाने के बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से भी इसे गंभीरता से लिया गया है। इस मामले में यह भी सामने आ रहा है कि सिरोही जिले के गुजरात बॉर्डर से सटे थाने भी रडार पर हैं। अब यह पता लगाए जाने की कोशिश की जा रही है किन किन की सिफारिश पर बॉर्डर के थानों पर नियुक्तियां 2 साल में की गई? अब देखना है, जांच के बाद क्या सामने आता है?
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)