मुंबई, बॉलीवुड की सुपरस्टार दिलीप कुमार आज सुबह 7:30 पर उनका निधन हो गया। भारतीय सिनेमा में उन्हें ट्रेजेडी किंग के नाम से जाना जाता था। मुंबई के अस्पताल में 98 साल की उम्र में दिलीप कुमार ने अंतिम सांस ली। दिलीप कुमार की ऐतिहासिक फिल्मों में देवदास, मुग़ल-ए-आज़म जैसी फिल्मों ने दिलीप कुमार को अपने जमाने का सुपर स्टार बना दिया। उन्होंने अपनी अदाकारी से फैंस के दिलों पर राज किया था। एक से एक शानदार फिल्मों में काम कर नाम कमाया। लेकिन शायद आपको यह मालूम नहीं होगा वह नाम उन्होंने फिल्मी दुनिया के लिए अपनाया था दिलीप कुमार। ऐसा उन्होंने अपने पिता के डर से किया था। जबकि दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था। लेकिन जब उन्होंने फिल्मों में आने का मन बनाया तो उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा। क्योंकि उनके पिता को फिल्मी दुनिया पसंद नहीं थी और वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा इस लाइन में आए दिलीप कुमार ने खुद इस बात को एक इंटरव्यू में स्वीकार किया।
कैसे बना मोहम्मद यूसुफ खान, दिलीप कुमार।
एक इंटरव्यू में जब दिलीप कुमार से पूछा गया कि उन्होंने कैसे दिलीप कुमार नाम अपनाया तो वह सुनकर हंसने लगे और उन्होंने कहा”हकीकत बताऊं, पिटाई के डर से मैंने यह नाम रखा। मेरे पिता फिल्मों के सख्त खिलाफ थे। मेरे पिता के दोस्त के बेटे पृथ्वीराज कपूर फिल्म में एक्टिंग किया करते थे। मेरे पिता अक्सर उनके दोस्त से शिकायत करते थे कि तुम्हारा नौजवान क्या करता है?
दिलीप कुमार ने बताया जब मैं फिल्मों में आया तो मुझे उनसे डर था कि जब उन्हें पता चलेगा तो वह बहुत नाराज होंगे उस वक्त दो-तीन नाम सामने रखे गए युसूफ खान रखा जाए, दिलीप कुमार रखा जाए या बासुदेव रखा जाए तो मैंने कहा युसूफ खान छोड़कर कुछ भी रख दिया जाए। तो दो-तीन महीने के बाद जब मैंने इश्तेहार में अपना नाम देखा तो मुझे पता चला कि मेरा नाम दिलीप कुमार रखा गया है।”
दिलीप कुमार के जीवन से संबंधित कुछ जानकारी।
दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1992 में पेशावर (पाकिस्तान में है)में हुआ था। फिल्मों में आने से पहले दिलीप कुमार का नाम मोहम्मद यूसुफ खान था। उनके पिता मुंबई में आकर बसे थे। जहां उन्होंने हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू किया। उन्होंने अपना नाम बदलकर दिलीप कुमार रख लिया उन्हें हिंदी फिल्मों में ज्यादा पहचानो सफलता मिली। दिलीप कुमार ने अभिनेत्री सायरा बानो से 1966 में विवाह किया। विवाह के समय दिलीप कुमार 44 वर्ष की थी और सायरा बानो 22 वर्ष की थी। 1980 में कुछ समय के लिए “आसमा” से दूसरी शादी भी की थी। वर्ष 2000 में वह राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं। 1980 में उन्हें सम्मानित करने के लिए मुंबई का “शेरिफ” घोषित किया गया था। 1995 में उन्हें “दादा साहब फाल्के पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था। 1998 में उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “निशाने-ए- इम्तियाज” भी प्रदान किया गया।
दिलीप कुमार के कैरियर से संबंधित जानकारी।
दिलीप कुमार की पहली फिल्म “ज्वार भाटा” थी जो 1944 में आई थी। लेकिन 1949 में बनी पहली फिल्म “अंदाज़” की सफलता ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई थी। इस फिल्म में उन्होंने राज कपूर के साथ काम किया था। “दीदार”(1951) और “देवदास”(1955) जैसी फिल्मों में दुखद भूमिकाओं के मशहूर होने के कारण उन्हें बॉलीवुड में “ट्रेजेडी किंग” की उपाधि प्राप्त हो गई है।”मुगले-ए-आजम”(1960) मैं उन्होंने मुगल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई थी। यह फिल्म पहले श्वेत और शाम थी। बाद में 2004 में इसे रंगीन बना दिया गया। उन्होंने 1961 में “गंगा जमुना” फिल्म का निर्माण भी किया। जिसमें उनके साथ उनके छोटे भाई नासिर खान ने काम किया।
1970, 1980, 1990 के दशक में उन्होंने बहुत कम फिल्मों में काम किया। इस समय की उनकी प्रमुख फिल्में थी “विधाता”(1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज्जतदार (1990), एवं सौदागर (1991)थी। दिलीप कुमार की आखिरी फिल्म 1998 में “किला” फिल्म थी। उन्होंने रमेश सिप्पी की फिल्म “शक्ति” में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें “फिल्म फेयर पुरस्कार” भी मिला था।
दिलीप कुमार को मिले पुरस्कार।
दिलीप कुमार साहब को विभिन्न फिल्मों के लिए विभिन्न पुरस्कार मिले। दिलीप कुमार साहब को 1983 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार फिल्म शक्ति के लिए मिला था। 1968 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार “राम और श्याम” मूवी को मिला था। 1965 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार फिल्म “लीडर” के लिए मिला था। 1961 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार फिल्म “कोहिनूर” को मिला था। 1958 में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार “नया दौर”, 1957 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार “देवदास” के लिए मिला था। 1956 में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार “आजाद” के लिए मिला था। 1954 में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार “दाग” फिल्म के लिए मिला था। 2014 में अभिनय के क्षेत्र में अतुल्य योगदान के लिए किशोर कुमार सम्मान मिला था।
इस प्रकार अभिनेता दिलीप कुमार उर्फ युसूफ खान ने अपने दमदार अभिनय के कारण देश विदेश में नाम कमाया। दिलीप कुमार हमेशा अभिनय के कारण जन्म जन्म तक लोगों के दिलों पर राज करेंगे। मार्मिक धारा न्यूज़पेपर दिलीप कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि देता है।