ब्राह्मण समाज के विरोध के बाद ध्रुव सरजा और रश्मिका मंदाना स्टारर कन्नड़ फिल्म “पोगारू” से 14 विवादित सीन हटा दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मेकर्स ने यह फैसला कर्नाटक ब्राह्मण विकास बोर्ड और कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के बीच हुई मीटिंग के बाद लिया। फिल्म और इसके मीटर्स पर इन सीन्स के जरिए ब्राह्मण समाज की भावनाएं आहत करने का आरोप लग रहा था।
19 फरवरी को सिनेमाघरों में आई पोगारू कोरोनावायरस के बीच रिलीज हुई पहली बड़े बजट की फिल्म है। इस पर ब्राह्मण समाज को गलत तरीके से दिखाए जाने के आरोप लग रहे हैं। कुछ डायलॉग और सीन्स पर आपत्ति दर्ज कराते हुए ब्राह्मण समाज द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा था। बुधवार को कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जयराज ने मीडिया को बताया कि मेकर्स फिल्म के विवादित सीन हटाने पर सहमत हो गए हैं।
फिल्म के डायरेक्टर नंदकिशोर ने माफी मांगते हुए कहा कि वे किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे। उन्होंने दर्शकों को यह तसल्ली भी दिलाई कि इन सीन्स के हट जाने से फिल्म पर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ब्राह्मण समाज के सदस्य श्रीकांत ने कहा कि सिनेमा में किसी भी समाज को टारगेट नहीं किया जाना चाहिए। उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा “हमने प्रोटेस्ट किया” क्योंकि हम आहत हुए थे, और मेटर्स द्वारा विवादित सिंह हटाने के फैसले का स्वागत करते हैं।” कम्युनिटी के सदस्यों ने बुधवार शाम तक की डेडलाइन दी थी, और कहा था कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदर्शन करते रहेंगे।
कर्नाटक की भाजपा नेता शोभा करंदलाजे ने फिल्म का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था “हिंदुओं का अपमान करना और हमारी भावनाओं को आहत करना फैशन बन गया है। क्या उन्हें दूसरे धर्मों को इस तरह दिखाने की हिम्मत है। जब तक कि विवादित सीन फिल्म से नहीं हटाए जाते, तब तक फिल्म की स्क्रीनिंग रोक देनी चाहिए। हिंदुओं की भावनाओं आहत करना नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)