भत्ते बढ़ाने सहित लंबित मामलों को लेकर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स आर-पार के मूड में है। मांगों पर सहमति नहीं बनने के बाद इंटर्न डॉक्टर्स आज से संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर उतर गए हैं। जबकि रेजिडेंट डॉक्टर्स ने 2 घंटे हड़ताल का ऐलान किया। रेजिडेंट डॉक्टर ने 8 से 10 बजे तक कोविड, नॉन कोविड, इमरजेंसी और आईसीयू समेत सभी सेवाओं का बहिष्कार किया है। इंटर्न व रेजीडेंट की हड़ताल से अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं पर असर पड़ेगा और मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ेगी।
रेजिडेंट डॉक्टर्स को अस्पताल की रीड कहा जाता है। कोटा मेडिकल कॉलेज में लगभग 346 रेजिडेंट डॉक्टर व 150 इंटर्न डॉक्टर है। यह डॉक्टर कोरोना में 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। आईपीडी- ओपीडी में ज्यादातर काम रेजिडेंट डॉक्टर्स के भरोसे ही चल रहा है।
इंटर्न डॉक्टर एसोसिएशन के बृजपाल सिंह खीचड़ ने बताया कि राजस्थान के समस्त इंटर्न डॉक्टर्स अपनी मूलभूत मांगों को लेकर पिछले 8 महीनों से संघर्षरत हैं। 19 अक्टूबर को मांगों पर सहमति बन गई थी। लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए इन्हें अभी तक क्रियान्वित नहीं किया। इंटर्न डॉक्टर्स ने पिछले 10 दिन से सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला। मजबूरन संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर जाना पड़ा।
कोटा रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ महेश इंदौरिया ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले 1 महीने से संघर्षरत हैं। 10 दिन से काली पट्टी बांधकर कोविड एवं इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर 2 घंटे के कार्य बहिष्कार पर थे। जिन मांगों पर मौखिक सहमति हो गई थी, उनसे भी पीछे हटने के कारण ही यह कदम उठाना पड़ा। रेजिडेंट डॉक्टर्स आज से सुबह 8 से 10 बजे तक कोविड, नॉन कोविड, इमरजेंसी और आईसीयू समेत सभी सेवाओं का बहिष्कार पर है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)