मुंबई, जैसा कि आप सब लोगों को विदित है। भारत में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो चुका है। हमारी वैक्सीन विश्व में सर्वाधिक सफल वैक्सीन के रूप में देखी जा रही है। अब तक 183 देशों ने हमारी वैक्सीन की मांग रखी है। हमारी लगातार कोशिश भी है कि हम इस मांग को पूरा कर सकें। इस कड़ी में विश्वसनीय साथी के रूप में भारत ने गुरुवार को बहरीन और श्रीलंका में कोविशील्ड वैक्सीन की खेप भेजी है। इससे पहले बांग्लादेश, नेपाल, मालदीप और ब्राजील में भी वैक्सीन भेजी जा चुकी है।
वैक्सीन मैत्री अभियान के तहत भारत ने श्रीलंका को 50400 डोज का कंसाइनमेंट (खेप) उपलब्ध करवाया है। वही बहरीन को 10800 डोज दिए गए हैं। सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन को मुंबई से एक कार्गो विमान में लोड किया गया और निर्धारित समय के अनुसार यह मनामा के लिए रवाना हो गया।
कोलंबो जाने वाली खेप में 15 मिनट की देरी हुई और इसे सुबह 9:00 बजे रवाना किया गया। इससे पहले बहरीन ने अपने यहां कोविड-19 की जटिलताओं का सामना करने वाले लोगों को कोरोना का टीका लगाने के लिए कोविशील्ड को मंजूरी दी थी। इसी बीच भारत ने पड़ोसी देश भूटान, मालदीप, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश स्कोर पड़ोसी पहले की नीति के तहत कोविड-19 वैक्सीन की सप्लाई की है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कई देशों में वैक्सीन रोल आउट की घोषणा की थी। भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में न केवल अपने पड़ोसियों की मदद कर रहा है बल्कि विश्व स्तर पर सहयोग करने को अपना कर्तव्य भी समझता है। नई दिल्ली ने कोविड के खिलाफ सहयोग देने के लिए हाथ बढ़ाया।
इस प्रकार भारत ने विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आज भारत विश्व में सबसे भरोसेमंद देश के रूप में माना जाता है। हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारतीय हैं कि ऐसी महामारी में हम लोगों को दवा देकर मदद कर पा रहे हैं और ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने हमारे देश को ही चुना।
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)