मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत किशोरपुरी महाराज सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके उत्तराधिकारी महंत नरेशपुरी महाराज ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। जहां समाधि स्थल परिसर जयकारों के साथ गुंजायमान हो गया। इससे पहले उनकी पार्थिव देह बालाजी मंदिर के पास महेंद्र निवास में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। जहां बड़ी तादाद में भक्तों ने उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
सुबह करीब 9 बजे महंत निवास से किशोर पुरी महाराज की पार्थिव देह को पालकी में बिठाकर अंतिम यात्रा गाजे-बाजे के साथ मंदिर की परिक्रमा करते हुए समाधि स्थल तक लायी गई। अंतिम यात्रा को महंत नरेशपुरी समेत परिवार के लोगों ने काधां दिया। बता दें कि महंत का लंबी बीमारी के बाद 88 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया था। उन्होंने जयपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
पुष्प वर्षा कर जयकारे लगाए भक्तों ने-
महंत की अंतिम यात्रा में सैकड़ों की तादाद में स्थानीय लोग सहित दूर-दराज से आए भक्त भी शामिल हुए। इस दौरान लोग बालाजी महाराज का जयकारा लगाते हुए महंत किशोरपुरी अमर रहे के जयघोष भी लगा रहे थे। जगह-जगह पुष्पवर्षा करते हुए बड़ी तादाद में भक्तों और स्थानीय लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। जहां कई गांवों के पंच पटेलों की मौजूदगी में समाधि स्थल पर संत परंपरा के अनुसार दिवंगत महंत की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन किया गया।
मंत्री समेत कई लोग पहुंचे अंतिम विदाई में-
महंत किशोरपुरी महाराज को अंतिम विदाई देने के लिए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश, पूर्व मंत्री रामस्वरूप मीणा, पूर्व प्रधान कुंजीलाल मीणा, महंत परिवार के जगदीश पुरी, दिनेशपुरी, विशालपुरी, सुरेशपुरी, इंद्रपुरी, संजय, धीरजपुरी, पवन, हिमांशु, समेत विश्व हिंदू परिषद व कई सामाजिक व धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे। इसके साथ ही आसपास के गांवों से भी प्रबुद्ध व सरपंचों ने पहुंचकर अंतिम यात्रा में भाग लिया।
हमेशा समाज का सहयोग किया महंत कैलाशपुरी जी ने-
महंत नरेशपुरी ने समाधि कार्यक्रम के दौरान एक मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके गुरु किशोरपुरी महाराज के अच्छे कार्यों से सब लोग अच्छी तरह वाकिफ हैं। ऐसे में उनका गुणगान जितना किया जाए उतना कम है। उन्होंने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया है। दौसा के अलावा दूसरे जिलों में स्कूलों में भवन बनाए, कई प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के समय भी महाराज ने बढ़-चढ़कर योगदान देते हुए सरकार व समाज का सहयोग किया।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)