राजस्थान में मानसून सक्रिय हो चुका है। जहां एक तरफ लोगों ने राहत महसूस की वहीं दूसरी तरफ यह कुछ परिवार पर यह कहर बनकर भी गिरी है। पिछले 24 घंटे के अंदर बिजली गिरने से 23 लोगों की मौत हो गई है। लेकिन खतरा फिलहाल टला नहीं है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में राज्य में बिजली गिरने का सिलसिला जारी रह सकता है। मौसम विभाग ने इस संबंध में अलर्ट जारी कर चेतावनी दी है। राज्य के कई जिलों में यह अलर्ट जारी किया गया है। जिससे लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले 3 दिन यानी 15 जुलाई तक कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। विभाग के मुताबिक 3 दिन में कुल 31 जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली गिर सकती है। जिसमें जयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, जैसे बड़े जिले भी शामिल हैं।
13 जुलाई को इन जिलों में गिर सकती है बिजली-
पूर्वी राजस्थान- अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दोसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुनू, सीकर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, उदयपुर, राजसमंद, सिरोही, टोंक। इन जिलों में बिजली गिरने के साथ तेज बारिश की संभावना है। वहीं पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, नागौर, पाली, जालौर और जोधपुर में सामान्य बिजली गिरने का अलर्ट है।
14 जुलाई को इन जिलों में दी गई है चेतावनी-
अजमेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दोसा, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुनू, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, उदयपुर, सिरोही आदि में बिजली गिर सकती है। वहीं पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, चूरू, नागौर और जालौर में भी चेतावनी दी गई है।
15 जुलाई को इन जिलों में रहे लोग सावधान-
अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, जयपुर, झुंझुनू, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, उदयपुर, सिरोही और टोंक साथ ही पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, चूरु, पाली, जालौर में हल्की बारिश के साथ बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।
राजस्थान के इतिहास में पहली बार 1 दिन में बिजली गिरने से हुई है इतनी मौतें-
प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी घटना जो बिजली गिरने से हुई है वह रविवार को हुई, जिसमें एक ही दिन में 23 लोगों की मौत हो गई। इनमें आमेर महल के सामने वॉच टावर पर बिजली गिरने से दम तोड़ने वाले 11 लोग भी शामिल है। प्रदेश में कुल 27 लोग घायल हुए हैं। रविवार को जयपुर के आमेर में ही 11, कोटा में चार और धौलपुर में 3 बच्चों की बिजली गिरने से मौत हुई थी। इसके अलावा अलग-अलग जिलों में भी बिजली गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई थी।
आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य-
आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य के ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है। इसकी क्षमता 300 किलोवाट अर्थात 12.5 करोड़ वाॅट से ज्यादा चार्ज की होती है। यह बिजली मिली सेकेंड से भी कम समय के लिए ठहरती है।
यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
दिन के समय बिजली गिरने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
बिजली गिरने से बचाव के उपाय-
– अगर आप बादलों के गरजने के समय घर के अंदर हैं, तो घर के अंदर ही रहे।
– बिजली पैदा करने वाली चीजों से दूरी बनाए रखें। जैसे रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव आदि।
– पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें।
– अगर आप खुले मैदान में है तो जल्दी से किसी बिल्डिंग में जाकर खड़े हो जाएं।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)