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राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-

by marmikdhara
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कई महीनों से फरार शातिर चेतराम प्रजापत उर्फ जितेंद्र प्रजापत हुआ गिरफ्तार, जालूपुरा पुलिस को मिली बड़ी सफलता।
मास्टरमाइंड असली अभ्यर्थी से 3 लाख वसूल कर बिहार से एग्जाम दिलाने बुलाते थे नकली अभ्यर्थियों को।
गैंग के 11 बदमाश पहले ही पकड़े जा चुके हैं।
जयपुर, राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में असली अभ्यर्थियों से डेढ़ से तीन लाख रुपए वसूल कर नकली अभ्यर्थियों से एग्जाम दिलवाने वाले गिरोह के फरार सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले कई महीनों से फरार चल रहा था। इसकी तलाश में जयपुर शहर कमिश्नरेट की जालूपुरा थाना पुलिस ने कई बार भरतपुर में दबिश दी, लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगा। आखिरकार उसे सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया। आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसी गैंग के 11 आरोपी नारगढ़ थाना पुलिस की गिरफ्त में आए थे। इनमें बिहार के करीब 9 लोग शामिल थे।
एडिशनल डीसीपी (नॉर्थ) धर्मेंद्र सागर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी चेतराम प्रजापत उर्फ जितेंद्र प्रजापत, ग्राम हेलक, थाना कुम्हेर, भरतपुर का रहने वाला है। पूछताछ मे सामने आया है कि चेतराम प्रजापत का साथी और गैंग का मास्टरमाइंड बलराम गुर्जर अपने साथी देवी सिंह के साथ मिलकर ऐसे युवकों से संपर्क किया, जिन्होंने नवंबर 2020 में आयोजित राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में आवेदन किया था। इसमें ज्यादातर बेरोजगार अभ्यर्थी भरतपुर के थे।
जालूपुरा थाना प्रभारी राम सिंह जाट ने बताया कि चेतराम, बलराम गुर्जर और इसकी गैंग पुलिस भर्ती परीक्षा में पास कराने की गारंटी लेकर 3 लाख में सौदा करने लगे। इस में डेढ़ लाख रुपए परीक्षा से पहले और डेढ़ लाख रुपए परीक्षा के बाद पास करने के बाद मांगना तय किया। कई युवकों से मोटी रकम वसूल भी कर ली गई। इसके बाद राजस्थान की इस गैंग ने बिहार में मौजूद मनीष कुमार से संपर्क किया। मनीष कुमार यहां की स्थानीय गैंग के मास्टरमाइंड बलराम गुर्जर का परिचित था। जिसके माध्यम से बिहार के युवा यहां असली अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने आते थे।यह गैंग असली अभ्यर्थी की फोटो पहचान पत्र, परिचय पत्र, आधार कार्ड ले लेते। इसके बाद फोटोकॉपी को स्टेन व एडिट करने के बाद उस पर बिहार से आने वाले फर्जी अभ्यर्थी की फोटो लगाकर उसे परीक्षा में बैठा देते थे। परीक्षा खत्म होने के बाद गैंग के लोग अभ्यर्थी को बताते थे कि एग्जाम में उसकी जगह बैठने वाले फर्जी अभ्यर्थी कितने प्रश्न सॉल्व करके आए हैं। ताकि वह संतुष्ट हो जाएं। फरार चेतराम को पकड़ने में स्पेशल टीम के हेडकांस्टेबल मुरालीलाल में अहम भूमिका निभाई।

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