राजस्थान में पेट्रोल ₹100 प्रति लीटर के पार हो गया है। देश में सबसे ज्यादा वैट वाले इस राज्य में मंगलवार को पेट्रोल 38 पैसे और बुधवार को 26 पैसे बड़ा। और इसका असर यह हुआ कि गंगानगर में सामान्य पेट्रोल ₹98.40 रूपए से बढ़कर ₹101.80 रूपए प्रति लीटर हो गया। जयपुर में पेट्रोल 93.86 रुपए प्रति लीटर और डीजल 85.94 रूपए प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोलियम कंपनी की ओर से लगातार बढ़ाई जा रही दरों के अलावा राजस्थान में सबसे ज्यादा रेट की प्रमुख वजह न केवल वैट है, बल्कि राज्य में पेट्रोल और डीजल पर लगाया गया रोड सेस भी है। माना जा रहा है कि जिस तरह दाम बढ़ रहे हैं। उससे लग रहा है कि इसी सप्ताह सामान्य पेट्रोल भी ₹100 प्रति लीटर की दर को पार कर जाएगा।
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार आने के बाद पेट्रोल पर 12 प्रतिशत और डीजल 10 प्रतिशत वैट की बढ़ोतरी कर दी गई है। पूर्व में भाजपा सरकार के समय पेट्रोल पर 26 और डीजल पर 18 प्रतिशत वैट था। राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल पर 20 से 35 और डीजल पर 16 से 23 प्रतिशत वैट हैं। इसी कारण राजस्थान में अन्य राज्यों के मुकाबले पेट्रोल 8 से ₹10 और डीजल 4 से ₹11 तक महंगा है। सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने के बाद भी गहलोत सरकार पेट्रोल व डीजल की बढ़ी हुई कीमतों का जिम्मेदार केंद्र सरकार को बता रही है।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने कहा कि राज्य सरकार को हम इस संबंध में कई बार ज्ञापन देकर बता चुके हैं कि देश में सबसे ज्यादा वैट राजस्थान में है। पूर्व में राजस्व बढ़ोतरी के कारण वैट बड़ा भी दिया है। तो अब रेट बढ़ने से राजस्व लगातार बढ़ रहा है। यदि सरकार 5 फ़ीसदी से ज़्यादा भी वैट कम कर देगी, तो भी राजस्व में कमी नहीं आएगी।
सच्चाई यह है कि प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के पेट्रोल पंप सूने पड़े हैं। क्योंकि उनके पड़ोस के अन्य राज्यों के पंप पर वही पेट्रोल व डीजल 8 से ₹11 तक सस्ता मिल रहा है। यदि सरकार वैट कम करती है, तो यहां बिक्री बढ़ने से सरकार का राजस्व कम नहीं बल्कि बढ़ जाएगा। इसके अलावा बहुत से सीमावर्ती जिलों में चोरी-छिपे बाहरी राज्यों से पेट्रोल और डीजल लाकर बेचा जा रहा है। जिस पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)