कोरोना का फैलाव रोकने के लिए प्रदेश में जारी लॉकडाउन में बसों के परिवहन पर रोक के बावजूद पाली से जैसलमेर के बीच एक बस धड़ल्ले से चलती नजर आ रही है। बस संचालक ने पाली कलेक्टर की आईडी से फर्जी तरीके से पास बना रखा है। कई दिन से जारी इस फर्जीवाड़े का मंगलवार को देचू पुलिस ने भंडाफोड़ किया। पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर बस को जब्त कर लिया है। लॉकडाउन की बंदिशों के बीच पाली से रवाना हुई बस 225 किलोमीटर का सफर तय करके देचू पहुंच गई। लेकिन रास्ते में किसी ने भी उसे नहीं रोका।
पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि देचू थाना क्षेत्र में 25 मई को एक निजी बस को सुबह संयुक्त चेकिंग के दौरान पकड़ा। संदेह होने पर बस को तहसीलदार व थाना अधिकारी ने नाका पॉइंट पर रूकवाया। बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने पाली से जैसलमेर बस परिवहन की अनुमति बताई। इस पर अधिकारियों को संदेह हुआ। सवारियों से बात की तो पता चला कि पाली से आए हैं। सख्ती से पूछताछ की तो ड्राइवर और कंडक्टर ने फर्जी पास बनाना स्वीकार कर लिया। यह पास सोजत सिटी पाली से बनाए थे। लॉक डाउन की अवहेलना कर 56 यात्रियों को पाली से जैसलमेर ले जाया जा रहा था।
राज्य सरकार के त्रिस्तरीय जन अनुशासन गाइडलाइन के दिशा निर्देशों में निजी बसों द्वारा यात्रियों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध है। बताया जा रहा है कि यह बस पूर्व में भी कई बार पाली से जैसलमेर के बीच सवारियों को ले जा चुकी है। बस जब्त करने के बाद इसमें सवार 56 लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। यह लोग कुछ घंटों तक वहीं सड़क किनारे बैठे रहे। बाद में कुछ निजी वाहनों के जरिए जैसलमेर के लिए रवाना हुए।
पाली जिले के सोजत में गिरोह सक्रिय है, जो कि कलेक्टर की आईडी से फर्जी पास जारी कर रहा है। इसके लिए मोटी रकम भी वसूली जा रही है। बस कि प्रत्येक सीट के लिए अलग-अलग पास जारी किए गए हैं। इस मामले में पुलिस ने बस ड्राइवर सलीम पुत्र मेहबूब व तेजाराम पुत्र सुखराम जाट निवासी कालू पाली को गिरफ्तार किया है। एसपी ने कार्रवाई में शामिल थानाधिकारी हनुमान राम विश्नोई, हेड कॉन्स्टेबल विश्वनाथ प्रताप सिंह एवं वाहन चालक नारायण प्रकाश को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)
हर्षवर्धन शर्मा (मार्मिक धारा)