वसुंधरा राजे के समर्थक नेता रोहिताश शर्मा ने पार्टी के खिलाफ बयानबाजी के मामले में बीजेपी की तरफ से भेजे गए नोटिस का जवाब भेज दिया है। रोहिताश शर्मा ने नोटिस के जवाब में पार्टी प्लेटफार्म पर बात कहने का तर्क देकर अनुशासनहीनता से साफ इनकार किया है। रोहिताश शर्मा को 24 जून को बीजेपी प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब देने को कहा था। जिसकी समय सीमा आज खत्म हो रही थी। रोहिताश शर्मा ने एक दिन पहले ही ईमेल से नोटिस का जवाब भिजवा दिया।
बता दे कि रोहिताश शर्मा को 1 जून को बीजेपी अलवर उत्तर जिला की बैठक के बाद दिए गए बयानों को आधार बनाकर नोटिस दिया गया था। नोटिस में रोहिताश शर्मा के उस बयान का उल्लेख था जिसमें कहा गया था कि राजस्थान भाजपा के नेता दफ्तरों से पार्टी चला रहे हैं। इस वक्त राजस्थान में विपक्ष का केंद्र में कांग्रेस जैसा हाल हो गया है। नोटिस में केंद्र के खिलाफ बयानबाजी पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया था। रोहिताश शर्मा का 2 दिन पहले ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 3 महीने बाद वसुंधरा टेक ओवर करेगी, कोई रोक नहीं सकता।
रोहिताश शर्मा ने नोटिस में उठाए गए मुद्दों का जवाब दे दिया है। साथ ही केंद्र सरकार और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। नोटिस में 1 जून की जिस बैठक के बयान का हवाला दिया है, उसे पार्टी मंच करार देते हुए सार्वजनिक बयानबाजी से इनकार किया है।
बीजेपी अनुशासन समिति करेगी फैसला-
रोहिताश शर्मा को नोटिस प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा ने दिया था। यह मामला अब बीजेपी अनुशासन समिति के सामने रखा जाएगा। अनुशासन समिति नोटिस के जवाब के बाद अब इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने या नहीं करने पर फैसला करेंगी।
राजे समर्थक कई और नेताओं को भी नोटिस भेजे जाने की है संभावना-
रोहिताश शर्मा को नोटिस देने को वसुंधरा समर्थक नेताओं को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। रोहिताश शर्मा के अलावा कई राजे समर्थक नेताओं ने भी बयानबाजी की थी। अब उन नेताओं को भी नोटिस दिए जाने की संभावना है।
रोहिताश शर्मा के खिलाफ एक्शन से बीजेपी में खींचतान और बढ़ेगी-
रोहिताश शर्मा के खिलाफ एक्शन लेने के बाद बीजेपी की अंदरूनी खींचतान और तेज होने की संभावना है। उन्हें दिए गए नोटिस को भी राजे समर्थक नेताओं को निशाना बनाने के तौर पर पेश किया गया। उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया खेमे में पार्टी अनुशासन का तर्क देकर ऐसे नेताओं को चेतावनी दी है।
अजय सिंह भाटी (मार्मिक धारा)