विद्यार्थी जीवन में गीता का संदेश बहुत उपयोगी है। गीता में दिए गए संदेशों में अनेक महत्वपूर्ण बातें हैं जो विद्यार्थी जीवन में अत्यंत उपयोगी हो सकती हैं।
गीता में दिए गए अर्जुन-कृष्ण संवाद से हम जीवन के नाना पहलुओं को समझ सकते हैं और समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। गीता में दिए गए संदेश जैसे कि निष्काम कर्म, समता, सहनशीलता, निर्भीकता, सम्मोहन और दृढ़ निर्णय जैसी बातें विद्यार्थियों के जीवन में बहुत उपयोगी साबित हो सकती हैं।
गीता में दिए गए संदेश विद्यार्थियों को उनके ध्येय की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। गीता में दिए गए संदेश उन विद्यार्थियों को एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।
इसलिए, विद्यार्थी जीवन में गीता के संदेशों को समझना और उन्हें अपने जीवन में लागू करना बहुत उपयोगी है।
गीता में दिए गए संदेश विद्यार्थियों को उनके मन को शांत रखने, स्वस्थ मानसिक दशा बनाए रखने, स्वयं को विकसित करने और एक उच्चतर लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
गीता में निष्काम कर्म के सिद्धांत को बखूबी समझाया गया है, जो विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाता है। निष्काम कर्म उस काम को करने के तरीके को दर्शाता है, जिसमें हम सक्रिय रहते हुए भी अपनी आसक्तियों से मुक्त रहते हैं।
गीता में दिए गए श्लोकों में समता का भी बड़ा महत्व है। समता के सिद्धांत से विद्यार्थी अपनी सोच को नियंत्रित करते हुए न केवल खुश रह सकते हैं बल्कि अपने दोस्तों, सहयोगियों और समाज के लोगों से भी सम्मानपूर्वक व्यवहार कर सकते हैं।
गीता में दिए गए संदेशों में निर्भीकता भी बहुत महत्वपूर्ण है। निर्भीकता का अर्थ है अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहना और अपने मकसदों की प्राप्ति के लिए समाज या किसी और जाति, वर्ण या धर्म से अलग होकर कामना करके सब के साथ मिलकर काम करना
गीता में दिए गए संदेशों में स्वाध्याय की भी महत्ता है। स्वाध्याय अर्थात् अपनी आत्मा की अध्ययन करना जो विद्यार्थियों को सही निर्णय लेने में मदद करता है। स्वाध्याय करने से विद्यार्थी अपने आप को शांत और स्थिर बनाए रख सकते हैं जो कि उनके अध्ययन और जीवन में बहुत उपयोगी होता है।
गीता में दिए गए संदेशों में ज्ञान की महत्ता भी बहुत उच्च है। गीता अपने ज्ञान के माध्यम से विद्यार्थियों को बताती है कि ज्ञान ही उन्हें उनके लक्ष्य की ओर ले जाएगा। गीता में दिए गए ज्ञान संबंधी संदेश विद्यार्थियों को यह सिखाते हैं कि ज्ञान उन्हें अनुभव करने वाले और समस्त जीवों को एक दृष्टिकोण से देखने में सक्षम बनाता है।
अंततः, गीता विद्यार्थियों को ध्यान देने के लिए प्रेरित करती है। जैसा कि अर्जुन के जीवन में अज्ञान और उससे उत्पन्न हुए दुःख के कारण उसे अपने कर्तव्य से हटने का विकल्प देने के बाद भगवान श्री कृष्ण अर्जुन की अज्ञानता को दूर करते हुए कर्म के रहस्य को बताया।
गीता विद्यार्थियों को सही और न्यायपूर्ण कर्म करने का भी संदेश देती है। गीता में दिए गए संदेश विद्यार्थियों को सही तरीके से कर्म करने और अपने कर्तव्यों के प्रति उनके आदर और समर्पण की महत्ता समझाते हैं। विद्यार्थी जो इन संदेशों का पालन करते हैं, वे एक सफल और निर्भर जीवन जीने में सक्षम होते हैं।
गीता में दिए गए संदेशों में जीवन का उद्देश्य और अर्थ भी समझाया जाता है। गीता विद्यार्थियों को उनके जीवन के उद्देश्य को समझने और उसे प्राप्त करने के लिए सही राह दिखाती है। इस तरह, गीता विद्यार्थियों को जीवन में सफलता और संतोष की खोज में मदद करती है।
सम्मिलित करने के लिए, गीता विद्यार्थियों को उनके जीवन में सही और निष्कर्षजनक निर्णय लेने में मदद करती है। गीता विद्यार्थियों को सही कर्म, ज्ञान, उद्देश्य, और अर्थ की महत्ता समझाती है। इन संदेशों का पालन करने से, विद्यार्थी जीवन में सफल होते हैं और अपने सफल भविष्य का निर्माण करते हैं।
हर्षवर्धन शर्मा , संपादक (TFN)